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राष्ट्रीय

तमिलनाडु में दो दलितों की हत्या के बाद तनाव, गांव में तैनात किए गए 150 से ज्यादा पुलिसकर्मी

Nirmal kant
9 May 2020 9:41 PM IST
तमिलनाडु में दो दलितों की हत्या के बाद तनाव, गांव में तैनात किए गए 150 से ज्यादा पुलिसकर्मी
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हत्या के मामले में पुलिस कर रही है 9 और लोगों की प्रत्यक्ष भूमिका की जांच, स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए लगभग 150 पुलिसकर्मियों को किया गया है तैनात...

जनज्वार ब्यूरो। तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले में उदयरकुलम गांव में उस वक्त से तनाव है जब शुक्रवार 8 मई की रात थेवर समुदाय से जुड़े एक गिरोह ने दो दलितों की हत्या कर दी। मारे गए व्यक्तियों की पहचान नाजरेथ शहर के नजदीक उदयरकुलम के ए पलवेसम और उनके दामाद थंगराज के रुप में हुई।

तूतीकोरिन के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अरुण गोपालन ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि इस सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हत्या के मामले में हम नौ और लोगों की प्रत्यक्ष भूमिका की जांच कर रहे हैं। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए लगभग 150 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। पुलिस अधीक्षक ने भी गांव का दौरा किया है।

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पुलिस ने पालसेवम की ओर से दर्ज शिकायत के आधार पर शुक्रवार को पड़ोसी वैठियालिंगपुरम गांव के शनमुगसुंदरम के रूप में पहचाने जाने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। जिससे प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि स्कोर को व्यवस्थित करने के लिए पालसेवम और थंगराज की हत्या कर दी गई थी।

एक साहूकार है। पालसेवम ने करीब एक साल पहले उससे पैसे उधार लिए थे और अपनी संपत्ति के दस्तावेज गिरवी रखे थे। पुलिस के मुताबिक मृतक के परिजनों ने दावा किया कि उसने उस ब्याज के साथ मूलधन चुका दिया था जिसकी शंगसुंदरम ने मांग की थी। हालांकि दूसरे पक्ष ने इससे इनकार किया।

गुरुवार 7 मई को पालवेसम ने शंमुगसुंदरम से मुलाकात की और उन्हें संपत्ति दस्तावेज वापस करने के लिए कहा। शंमुगसुंदरम और उनके साथियों ने पलवेसम के साथ मारपीट की और मौखिक रूप से उसकी जाति के नाम का उल्लेख करते हुए उसके साथ दुर्व्यवहार किया।

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इसके बाद नाजरेथ पुलिस ने पालसेवम की शिकायत के आधार पर शंमुगसुंदरम के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया था। फिर उसे गिरफ्तार किया गया और न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

एक काउंटर शिकायत के आधार पर पालसेवम के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया था लेकिन उसको गिरफ्तार नहीं किया गया था। पुलिस के मुताबिक, शनमुगासुंदरम के भाई और थेवर समुदाय के कुछ अन्य लोग गिरफ्तारी का बदला लेना चाहते थे। उन्होंने पालवेसम की हत्या की साजिश रची और उनकी झोपड़ी में घुसकर पालवेसम और थंगराज को मौत के घाट उतार दिया।

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