Begin typing your search above and press return to search.
समाज

शादी के लिए हरियाणा में हर रोज होता है 3 महिलाओं का अपहरण

Janjwar Team
25 Feb 2020 8:00 AM IST
शादी के लिए हरियाणा में हर रोज होता है 3 महिलाओं का अपहरण
x

कन्या भ्रूण हत्या से बिगड़ते लिंगानुपात की वजह से प्रदेश में कई बिरादरी के युवाओं को तो अपने समाज में लड़की नहीं मिल रही है, वहीं किसी युवक की बहन नहीं है तो उसकी शादी भी नहीं हो पा रही...

चंडीगढ़ से ​मनोज ठाकुर की रिपोर्ट

जनज्वार। ऑनर किलिंग और भ्रूण हत्या के लिए कुख्यात हरियाणा का एक ओर काला सच। यहां हर रोज शादी के लिए औसतन तीन महिलाओं का अपहरण हो रहा है। पिछले साल महिलाओं और लड़कियों के अपहरण के 1,043 मामले दर्ज किए हैं। हरियाणा राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की ओर से जारी इन आंकड़ों से पता चलता है कि प्रदेश में महिलाएं कितनी असुरक्षित है।

न्या भ्रूण हत्या से बिगड़ते लिंगानुपात की वजह से प्रदेश में कई बिरादरी के युवाओं को तो अपने समाज में लड़की नहीं मिल रही है। कई बिरादरी ऐसी हैं यदि किसी युवक के बहन नहीं है तो उसकी शादी नहीं होती। क्योंकि वह अपनी बहन का रिश्ता जिस लड़के के साथ इस शर्त पर करेगा कि वह लड़का भी अपनी बहन का रिश्ता उसके साथ करेगा। यानी बहन के बदले में बीवी मिलेगी।

संबंधित खबर : हरियाणा में बंद होंगे 1026 प्राइमरी स्कूल, लेकिन 1 हजार में मिलेगा घर में शराब बेचने का लाइसेंस

हिला अधिकार के लिए काम कर रही एडवोकेट आरती ने बताती हैं कि हरियाणा के हालात को समझने के लिए हमें सीएम मनोहर लाल के बयान को समझना होगा। उन्होंने कहा था कि अब हरियाणा के युवा भी कश्मीरी बहू लेकर आएंगे। यानी सरकार को पता है कि लड़कियों की संख्या में तेजी से कमी आयी है। इस वजह से युवाओं की शादी नहीं हो रही है।

22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत जिले में पीएम नरेंद्र मोदी ने 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का नारा दिया था। इसके बाद पूरे भारत समेत हरियाणा में भी कन्या भ्रूण हत्या रोकने का अभियान चला था। दावा किया जा रहा है कि प्रदेश में 1000 लड़कों पर 914 लड़कियों का सर्वोच्च लिंग अनुपात दर्ज किया है। 2015 में यह अनुपात 1000 के पीछे 876 था।

कई गांवों में तो लड़कियां जन्म ही नहीं लेती

ज्जर और सोनीपत के कई ऐसे गांव है जहां लड़कियां जन्म ही नहीं लेती हैं। ऐसे गांवों में खासतौर पर उच्च वर्ग में बच्चियों की जन्मदर काफी कम है। कन्या भ्रूण हत्या रोकने के प्रति जागरूक करने के अभियान से जुड़ी कुमारी राजरानी ने बताया कि कई जगह हमारी बातों को सुना भी नहीं जाता। गांव के बुजुर्ग व बड़ी उम्र की महिलाएं उन्हें गांव से बाहर जाने के लिए धमकी तक देते थे।

कर भी लाते हैं पत्नी

रियाणा के कई गांवों में तो कुंवारे लड़के दूसरे राज्यों से बहू खरीद कर लाते हैं। इसमें पश्चिम बंगाल, हिमाचल और बिहार राज्य प्रमुख हैं। इसके लिए कुछ लोग बकायदा से दलाल का काम करते हैं। 2017 में सोनीपत के खरखौदा में शादी कराने के नाम पर 35 युवाओं से ठगी हुई थी। ठगी का शिकार हुए युवाओं में 14 जींद के भी थे। एडवोकेट आरती ने बताया कि खरीद कर पत्नी लाने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे महिलाओं के शोषण की घटना भी तेजी से बढ़ी है।

नहीं यह प्रेम विवाह के मामले हैं: डीजीपी

दूसरी ओर हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव ने कहा कि शादी के लिए अपहरण का आंकड़ा इसलिए बड़ा नजर आ रहा है, क्योंकि यह प्रेम विवाह के मामले हैं। जैसे ही कोई लड़की घर छोड़ कर अपने प्रेमी के साथ चली जाती है तो परिजन अपहरण का मामला दर्ज करा देते हैं। हालांकि कई बार लड़की नाबालिग भी होती है। इस पर अलग स जांच होती है, लेकिन ज्यादातर मामले प्रेम विवाह के हैं। डीजीपी ने यह भी बताया कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पुख्ता कदम उठाए गए हैं। महिला पुलिस नियमित तौर पर गश्त करती है।

संबंधित खबर : हरियाणा में बलात्कार के आरोपी को धारदार हथियार से काटकर उतारा मौत के घाट

फिर भी गैंगरेप के मामले बढ़ रहे हैं

ब भले ही डीजीपी महिला सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम का दावा करें, लेकिन एक साल में बलात्कार के 1,653 और गैंगरेप के 193 वारदात सामने आयीं। एडवोकेट आरती ने बताया कि यह तो वह मामले हैं जो दर्ज हो गए, बहुत से मामले तो दर्ज ही नहीं होते। महिला अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि लड़कियों को लेकर समाज की सोच बदलने की जरूरत है। हरियाणा देखने में जितना समृद्ध और पढ़ा—लिखा नजर आता है, लेकिन यहां महिलाओं को लेकर यहां के अधिकतर पुरूषों का नजरिया बहुत संकुचित है। इसमें बदलाव के लिए अभी लंबा वक्त लगेगा।

सरकार में हो रहा दिखावा

कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष कुमारी शैलजा ने बताया कि भाजपा सरकार की करनी और कथनी में भारी अंतर है। महिला सुरक्षा के नाम पर दिखावा हो रहा है। कन्या भ्रूण हत्या हो या फिर महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। सरकार के पास सामाजिक सुरक्षा को लेकर कोई नीति नहीं है। कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए सिर्फ इवेंट हो रहे हैं, जिनका कोई परिणाम सामने नहीं आ रहा है। कानून व्यवस्था के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए।

Next Story

विविध