दो साल से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बावजूद तीन मामलों में चार्जशीट पर ट्रायल तक नहीं हो पाया है शुरू...
जेपी सिंह की रिपोर्ट
उन्नाव रेप केस की जांच 12 अप्रैल 2018 को सीबीआई ने अपने हाथों में ली थी और 4 केस दर्ज किए थे। इनमें से एक (गैंगरेप) केस में अभी तक चार्जशीट भी दाखिल नहीं हुई है। सीबीआई ने बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ साल 2018 में चार्जशीट दाखिल किया था, मगर इस मामले में अभी तक ट्रायल शुरू नहीं हुआ है।
इसके अलावा बहुचर्चित उन्नाव रेप केस पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। घटनाक्रम को देखकर साजिश की आशंका और प्रबल हो रही है। इस बीच केंद्र सरकार ने इस कांड की जाँच सीबीआई को सौंप दी है।
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उन्नाव मामले में सीबीआई ने जो मामले दर्ज किए थे, उनमें पहला केस नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न का था, दूसरा केस नाबालिग लड़की के पिता पर हमले और उनकी मौत से जुड़ा था, तीसरा केस सेंगर के सहयोगी सहित 3 लोगों द्वारा गैंगरेप के आरोपों से संबंधित था तथा चौथा केस सेंगर के भाई ने दर्ज कराया, जिसमें पीड़िता के संबंधी पर हमला करने के आरोप लगाए गए थे।
सीबीआई ने अब तक 3 चार्जशीट दाखिल की है। 7 और 11 जुलाई 2018 को सीबीआई ने दो मामलों में चार्जशीट दाखिल की। पहले मामले में सीबीआई ने विधायक सेंगर और एक महिला को रेप और अपहरण का आरोपी बनाया, जबकि दूसरे मामले में जांच एजेंसी ने 5 लोगों को पीड़िता के पिता की हत्या का आरोपी बनाया। सीबीआई ने अपनी तीसरी चार्जशीट में सेंगर और अन्य को पीड़िता के पिता को एक झूठे केस में फंसाने का आरोपी बनाया।
पिछले साल इन 3 चार्जशीट के दाखिल होने के बाद अब तक इनमें से किसी भी मामले में ट्रायल शुरू नहीं हुआ है। गैंगरेप केस में अभी तक चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है। इस केस में अब तक पीड़िता का बयान भी दर्ज नहीं हुआ है।
उन्नाव गैंगरेप पीड़िता दिल्ली आकर रहनी लगी थी तो उसने जून में सीबीआई से अपने केस को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की थी। हालांकि सीबीआई के पास केस ट्रांसफर की पावर नहीं है। दरअसल इस केस की जांच सीबीआई की लखनऊ यूनिट कर रही है और जांच में दिल्ली की स्पेशल क्राइम यूनिट उसका सहयोग कर रही है।
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उन्नाव रेप केस पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे में एक के बाद एक हो रहे खुलासों से यह दुर्घटना कम, बल्कि साजिश ज्यादा नजर आ रही है। हालांकि पुलिस और प्रशासन ने अभी तक किसी साजिश की पुष्टि नहीं की है। वहीं इस मामले के मुख्य आरोपी और स्थानीय विधायक कुलदीप सेंगर और उसके भाई समेत अन्य लोगों पर हत्या और हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया गया है।
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यदि कथित दुर्घटना साजिश नहीं है तो हादसे के वक्त पीड़िता और उसके परिवार के साथ सुरक्षाकर्मी क्यों नहीं थे। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद पीड़िता को सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। मीडिया में आ रही खबरों से भी जाहिरहो रहा है कि यह सामान्य हादसा नहीं था क्योंकि ट्रक ने रॉन्ग साइड से आकर कार को टक्कर मारी थी। फिर जिस ट्रक ने कार को टक्कर मारी थी, उसकी नंबर प्लेट पर कालिख पुती हुई थी। इसको लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। अगर यह साजिश नहीं थी तो नंबर से छेड़छाड़ क्यों की गई थी? यही नहीं ट्रक मालिक फ़तेहपुर का है जहां के मूल निवासी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर है।
साज़िश के कोण को पीड़िता के चाचा की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर से समझा जा सकता है, जिसमें आरोप है कि लड़की की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उसके यात्रा प्लान की जानकारी भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर और उसके सहयोगियों को दी है।
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ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या जेल से ही सेंगर गवाहों और पीड़िता को खत्म करने की योजना पर काम कर रहा था? यही नहीं दुर्घटना के बाद पीड़िता का केजीएमयू में इलाज चल रहा है। यहां से पुलिस ने सोमवार को एक संदिग्ध युवक को दबोचा था। यह युवक ट्रॉमा सेंटर में उन्नाव गैंगरेप पीड़िता के पास जा रहा था।
इसके अलावा जिस तरह से इस केस से जुड़े एक-एक गवाहों और पीड़िता के परिवार के सदस्यों की मौत हुई है, वे सभी संदिग्ध रही हैं। इसके बाद इस हादसे ने साजिश की आशंका को और प्रबल कर दिया है। हालांकि पुलिस ने अभी तक इसे साजिश नहीं माना है और मामले की जांच जारी है।