Lalu Yadav : रात के अंधेरे में लालू यादव से मिले भाजपा के बड़े नेता, बिहार में उठा सियासी बवंडर
(बिहार बीजेपी के दिग्गज नेता के लालू यादव से मुलाकात करने के बाद सियासी बवंडर खड़ा हो गया है) File pic.
Lalu Yadav : बीजेपी के संस्थापक सदस्य व पूर्व राज्यसभा सांसद आर के सिन्हा (R K Sinha) के लालू यादव से रात में मिलने जाने के बाद बिहार की राजनीति में सियासी बवंडर उठ खड़ा हुआ है। बताया जा रहा है कि आरके सिन्हा के साथ पूर्व मंत्री व बीजेपी विधायक नन्द किशोर यादव (Nand kishor yadav) भी थे। वे पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabdi Devi) के पटना स्थित आवास पर लालू यादव से मिलने गए थे।
इस मुलाकात के दरम्यान बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejasvi Yadav) और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी (Shivanand Tiwari) भी मौजूद थे। हालांकि, कहा जा रहा है कि लगभग साढ़े 3 साल के बाद लालू यादव पटना पहुंचे थे, उनका स्वास्थ्य खराब था। इसको लेकर आरके सिन्हा उनसे मिलने गए थे।
वे लालू यादव (Lalu Prasad Yadav) का कुशलक्षेम जानने पहुंचे थे। इस बीच कांग्रेस ने इस मुलाकात को लेकर लालू यादव पर निशाना साधा है। बता दें कि कांग्रेस इन दिनों आरोप लगा रही है कि बीजेपी और आरजेडी के बीच गठबंधन हो सकता है।
सूत्रों ने बताया है कि लालू यादव और आरके सिन्हा के बीच पारिवारिक संबंध है। दोनों काफी पुराने मित्र रहे हैं। पिछले 2 वर्षों से आरके सिन्हा भी पटना में मौजूद नहीं थे। ऐसे में जब वह पटना आए हैं तो लालू यादव से मिलने उनके घर गए थे।
आरके सिन्हा ने भी इसे शिष्टाचार मुलाकात बताते हुए सियासी सरगर्मी को शांत करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, ''लालू यादव का हालचाल लेने के लिए यह महज शिष्टाचार भेंट थी। पटना यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स यूनियन के दिनों से मैं लालू प्रसाद यादव को जानता हूं। मैंने वहां दो घंटे बिताया लेकिन राजनीति पर कोई चर्चा नहीं हुई। उनका कुछ ऐसी बीमारियों की वजह से इलाज चल रहा है, जो मुझे भी थीं। उन्होंने उन स्थानों के बारे में पूछा जहां इनका इलाज हो सकता है।
वहीं, कांग्रेस इस मुलाकात के बाद राजद पर हमलावर हो गई है। पार्टी प्रवक्ता आनंद माधव ने कहा, ''यह हमारे पहले के आरोपों को सही साबित करता है कि दोनों पार्टियों (बीजेपी-आरजेडी) में गुप्त समझौता हो चुका है। ये नेता क्या बातचीत और चर्चा कर रहे थे।'' कांग्रेस नेता ने बैठक की एक तस्वीर भी सोशल मीडिया पर पोस्ट की और दो विधानसभा सीटों के वोटर्स से 'असली खेल' समझने की अपील की।
उधर, आरजेडी ने कांग्रेस के आरोपों से इनकार किया है। आरजेडी के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा, ''दोनों लंबे समय से एक दूसरे को जानते हैं। दोनों के बीच व्यक्तिगत रिश्ता है। आरजेडी को किसी से सेक्युलर सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। व्यक्तिगत रिश्तों को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए।''
बता दें कि आरके सिन्हा ने पिछले दिनों लालू यादव की तारीफ की थी। उन्होंने लालू यादव और भक्त चरण दास के बीच बयानबाजी के मसले पर कहा था कि लालू यादव का आकलन कांग्रेस से बेहतर है।
उन्होंने कहा था कि लालू को कम नहीं आंकना चाहिए। उन्होंने लालू को जमीनी नेता बताया था। उन्होंने भक्त चरण दास को लालू की ओर से भकचोन्हर बताए जाने पर कहा था कि इसे लेकर बहुत विवाद नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा था कि भकचोन्हर का मतलब कंफ्यूज्ड (Confused) होता है।
हालांकि, आरके सिन्हा ने उपचुनाव में दोनों सीटों पर जेडीयू उम्मीदवारों को वोट करने की अपील की थी। सिन्हा ने कहा था कि तारापुर और कुशेश्वरस्थान में कायस्थ मतदाताओं की अच्छी तादाद है। उन्होंने कायस्थ मतदाताओं से एनडीए को वोट देने की अपील की थी।
उन्होंने बिहार में नीतीश सरकार के दौरान विकास होने और नरेंद्र मोदी सरकार में महंगाई नियंत्रण में होने की बात भी कही थी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि चुनाव के नतीजों से पता चलेगा कि कौन जीता और कौन हारा। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के मुकाबले लालू यादव का आकलन ज्यादा सटीक होगा। वे जमीनी नेता हैं।