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राजनीति

UP Election 2022 : दस्यु सम्राट ददुआ के बेटे वीर सिंह पटेल बोले - मेरे पिता डाकू थे, इसमें मेरी क्या गलती?

Janjwar Desk
27 Feb 2022 4:59 AM GMT
UP Election 2022 : दस्यु सम्राट ददुआ के बेटे वीर सिंह पटेल बोले - मेरे पिता डाकू थे, इसमें मेरी क्या गलती?
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UP Election 2022 : मेरे पिता डाकू थे। इसमें मेरी क्या गलती थी? मैं, 2005 से जन हित में काम कर रहा हूं। हमारी सरकार आएगी तो हम यहां के आदिवासी को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के लिए केंद्र से मांग करेंगे।

UP Election 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण के लिए मतदान सुबह से जारी है। इस बीच समाजवादी पार्टी ( Samajwadi Party ) की ओर से चित्रकूट के मानिकपुर ( Manikpur ) विधानसभा सीट से प्रत्याशी और दस्यु सम्राट ददुआ के बेटे वीर सिंह पटेल ( Veer Singh Patel ) ने एक सवाल के जवाब में कहा है कि मेरे पिता डाकू थे। इसमें मेरी क्या गलती थी? मैं, 2005 से जन हित में काम कर रहा हूं। हमारी सरकार आएगी तो हम यहां के आदिवासी को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के लिए केंद्र से मांग करेंगे।

वीर सिंह पटेल (Veer Singh patel )ने कहा कि जिस जाति को मध्य प्रदेश में अनुसूचित जनजाति में माना जाता है, उनको यूपी में अनुसूचित जाति के दर्जे से वंचित किया गया है। किसी के नाम पर नहीं, इस बार बेरोजगारी और किसान के मुद्दे पर जनता वोट डाल रही है। यूपी से भाजपा से जाना तय है। इस बार सपा की जीत होगी और अखिलेश यादव सीएम बनेंगे।

दरअसल, उत्तर प्रदेश के चित्रकूट, बुंदेलखंड क्षेत्र के साथ ही मध्य प्रदेश के विंध्य इलाके में शिवकुमार पटेल उर्फ ददुआ ( Dadua ) ने तीन दशकों तक राज किया था। पांचवें चरण में उस इलाके में भी वोटिंग हो रही है। खुद ददुआ के बेटे वीर सिंह पटेल ( Veer Singh Patel ) मानिक पुर ( ManikPur ) से सपा प्रत्याशी हैं।

कौन हैं सपा प्रत्याशी वीर सिंह पटेल

साल 2007 में मायावती सरकार के कार्यकाल के दौरान दस्यु सम्राट ददुआ ( Dadua ) का एनकाउंटर हुआ था। ददुआ की मौत को 14 साल बीत गए हैं, लेकिन चित्रकूट और बांदा इलाके में आज भी उसके नाम पर सियासत जारी होती है। एक डकैत होने के बावजूद बुंदेलखंड के कुर्मी समाज में उसकी छवि का असर था। इसी समीकरण को देखते हुए ही सपा ने ददुआ के बेटे वीर सिंह पटेल ( Veer Singh Patel ) और भतीजे राम सिंह पटेल दोनों को ही तीसरी बार प्रत्याशी घोषित किया है। ददुआ के बेटे को मानिकपुर विधानसभा सीट से टिकट दिया है, जबकि भतीजे को प्रतापगढ़ की पट्टी सीट से मैदान में उतारा है।

वीर सिंह पटेल और राम सिंह पटेल दोनों ही 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे। दोनों ही जीतकर विधायक बने थे। 2017 के चुनाव में योगी लहर में भाजपा के प्रत्याशी से हार गए। वीर सिंह ( Veer Singh Patel ) चित्रकूट सीट से विधायक थे, लेकिन सपा ने इस बार उन्हें मानिकपुर से टिकट दिया है। राम सिंह पटेल को उनकी परंपरागत सीट पट्टी से उम्मीदवार बनाया गया है।

दादा मैं भी हूं मैदान में

आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि दस्यु सम्राट का बेटा वीर सिंह पटेल ( Veer singh Patel ) एक शर्मीला नौजवान है। जब भी वो चुनाव में जनसंपर्क के लिए निकलते हैं तो घर-घर दस्तक देते हैं। जो सामने आया विनम्रता से नमस्कार करते हैं और बुजुर्ग हुआ तो सादर चरण स्पर्श करते हैं। वह सिफर्। दो-तीन वाक्य बोलते हैं। वह सभी से कहते हैं - भैया ध्यान रखना, दादा मैं भी हूं मैदान में। उनके साथ युवाओं का हुजूम आगे बताता चलता है वीरसिंह आए हैं।

दरअसल, सफेद पैंट-शर्ट पर बैगनी जैकेट पहने ठिगने कद के इस इंटरपास उम्मीदवार का बड़ा परिचय यह है कि वे इस इलाके में आतंक के पर्याय रहे कुख्यात डकैत ददुआ के बेटे हैं। ददुआ पर हत्या, लूट व डकैती के चार सौ आपराधिक मामलों में दर्ज होने का जिक्र आते ही वह संकोच से हाथ जोड़कर कहते है। मुझे ददुआ का लड़का मत कहिए। मैं आप ही के बीच का हूं। मेरे पिता डाकू थे तो इसमें मेरा क्या कसूर है।

2007 में एनकाउंटर में मारा गया था ददुआ

UP Election 2022 : ददुआ 2007 में एनकाउंटर में मारा गया। दस विधानसभा सीटों के 5 सौ गांवों में उसकी आवाज पर वोट पड़ते थे। उसकी ख्वाहिश थी कि उसके परिवार से भी सियासत में सक्रिय हो। वीरसिंह ने पिता की अंतिम इच्छा पूरी की। वे 2006 में जिला पंचायत के निर्विरोध अध्यक्ष रह चुके हैं। ददुआ की छवि से एकदम उलट वीरसिंह मृदुल व्यवहार के लिए मशहूर हैं। कुर्मी बहुल इलाके में वीरसिंह इस समाज के सबसे युवा नेता हैं। सपा में उन्हें खुद मुलायम ने चुना था।

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