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Patna News: मुखिया प्रत्याशी और पुलिस के बीच झड़प में एक की मौत, फायरिंग और पथराव में इंस्पेक्टर समेत 20 पुलिसकर्मी घायल
file photo
Bihar News: पटना के धनरुआ में शुक्रवार, 22 अक्टूबर को पंचायत चुनाव प्रचार के आखिरी दिन पुलिस और मुखिया प्रत्याशी (Mukhiya Candidate) के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हो गई। समर्थकों और पुलिस के बीच हुए भीषण झड़प में जमकर पथराव किया गया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की तरफ से की गई फायरिंग में गांव के 1 युवक की मौत हो गई है, जबकि 3 लोग घायल हैं। वहीं, गांव वालों की तरफ से किए गए पथराव में इंस्पेक्टर समेत 20 पुलिसवाले घायल हो गए। सर्किल इंस्पेक्टर का पैर टूट गया है और धनरुआ थानेदार का सिर फट गया है। कुछ पुलिस वालों की हालत गंभीर है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने करीब 30-40 राउंड फायरिंग की।
मामला पटना (Patna) के धनरुआ अंतर्गत मोरियावां गांव का है। यहां मुखिया पद के एक उम्मीदवार और उसके समर्थकों द्वारा तय समय सीमा के खत्म होने के बाद भी इलाके में प्रचार किया जा रहा था। इसकी जानकारी जब धनरुआ थाना पुलिस को हुई तो वो प्रचार रोकने के लिए पहुंचे। उस वक्त पुलिस टीम की संख्या काफी कम थी। आरोप है कि मुखिया पद के उम्मीदवार और उसके बेटे ने अपने समर्थकों को भड़काया। इसके बाद समर्थकों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। मामले को तूल पकड़ता देख पुलिस की टीम उस वक्त जान बचाकर वापस थाना आ गई। फिर सीनियर अधिकारियों को पूरी जानकारी दी गई।
देर रात पूरी तैयारी के साथ पुलिस फोर्स की टीम दुबारा गांव पहुंची। इसे देखकर ग्रामीण भड़क गए पुलिस पर पथराव शुरु कर दी। इसके बाद पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग शुरू की। पुलिस की गोली लगने से मारियावां गांव के रोहित कुमार उर्फ लल्लू (25) की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। वहीं, तीन अन्य ग्रामीण विजिन्द्र कुमार, मिलन कुमार और नीरज कुमार गोली लगने से घायल हो गए। इनमें विजिन्द्र और मिलन को पीएमसीएच भेजा गया है। देर रात शव कब्जे में लेने के लिए पुलिस गांव पहुंच गई थी।
पुलिस और मुखिया समर्थकों के बीच 50 राउंड फायरिंग
ग्रामीणों द्वारा पथराव में मसौढ़ी सर्किल इंस्पेक्टर श्रीराम कुमार का पैर टूट गया। धनरुआ थाना प्रभारी राजू का सिर फट गया है, जबकि मसौढ़ी थानाध्यक्ष रंजीत रजक के घुटने में गंभीर चोट आई है। बताया जा रहा है कि शुक्रवार देर रात हुए इस हिंसक झड़प में करीब 20 पुलिस के जवान घायल हो गए हैं। वहीं, पुलिस और ग्रामीणों के बीच करीब 50 राउंड से अधिक गोली चलने की बात सामने आयी है। घटना के बाद से कई थानों की पुलिस फोर्स गांव में कैंप कर रही है।
इधर, पटना के एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा के अनुसार, मोरियावां गांव में शाम 4 बजे के बाद भी प्रत्याशी द्वारा लाउडस्पीकर बजाकर प्रचार करने की सूचना मिली थी। इसके बाद पुलिस टीम गई थी। पुलिस पर पछराव किया गया। पुलिस का कहना है कि गोली लगने से जिस युवक की मौत हुई है, उसका पोस्टमार्टम होगा। रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा कि उसकी मौत पुलिस की गोली से हुई है या किसी अन्य की गोली से। फिलहाल हालात काबू में है। पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
रोहित के मौत के बाद गांव में पसरा मातम
इधर, ग्रामीणों का कहना है कि रोहित की मौत पुलिस की फायरिंग से ही हुई है। रोहित के मौत के बाद गांव में चीख पुकार मच गई। झड़प में जख्मी तीन ग्रामीणों को पीएमसीएच में भर्ती कराया गया। प्रत्यक्षदर्शी नीरज कुमार ने बताया कि, "गांव में बीते दो दिन से पुलिस आकर लोगों को हड़का रही थी। शुक्रवार शाम को मैं दवा लेने जा रहा था। तभी पुलिस की तीन गाड़ियां दनदनाती हुईं गांव में घुसी और लाठीचार्ज कर दिया। सभी लोग अपना काम कर रहे थे लेकिन पुलिस वालों ने सबको पीटना शुरू कर दिया। इसके बाद गांव वालों ने पथराव किया। तब पुलिस ने फायरिंग कर दी। मैं भाग ही रहा था कि तभी एक गोली मेरे गाल और कान को चीरती हुई गुजर गई। मुझे कुछ समझ नहीं आया और मैं वहीं गिर गया।"
डीएम ने दिए जांच के आदेश
चुनावी प्रक्रिया के बीच हुई हिंसा के बाद डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने फायरिंग और युवक की मौत के मामले में जांच के आदेश दिए हैं। घटना को लेकर एसडीपीओ और डीएसपी से रिपोर्ट मांगी है। डीएम ने बताया कि मामले में जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।