Begin typing your search above and press return to search.
राष्ट्रीय

आत्महत्या करने वाले अश्विनी कुमार वही अधिकारी जिन्होंने सीबीआई निदेशक रहते अमित शाह को सोहराबुद्दीन केस में किया था गिरफ्तार

Janjwar Desk
8 Oct 2020 5:51 AM GMT
आत्महत्या करने वाले अश्विनी कुमार वही अधिकारी जिन्होंने सीबीआई निदेशक रहते अमित शाह को सोहराबुद्दीन केस में किया था गिरफ्तार
x

अमित शाह व सोहराबुद्दीन का फाइल फोटो।

यूपीए सरकार के समय अश्विनी कुमार सीबीआइ चीफ थे, तभी सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस में 2010 में अमित शाह को गिरफ्तार किया गया था...

जनज्वार। भारतीय पुलिस सेवा के बेहद तेज-तर्रार अधिकारी रहे अश्विनी कुमार की आत्महत्या से लोग अवाक हैं। अश्विनी कुमार सीबीआइ के निदेशक रह चुके थे और हिमाचल प्रदेश व नागालैंड के राज्यपाल भी रहे थे। उनका शव बुधवार, सात अक्तूबर को शिमला के ब्राॅकहास्ट स्थित उनके घर में मिला।

उनके सुसाइड नोट में खुदकुशी की वजह से बीमारी से उनका तंग आ जाना बताया गया है। हालांकि हिमाचल प्रदेश के डीजीपी संजय कुंडू ने कहा है कि अश्विनी कुमार की आत्महत्या के मामले की जांच की जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उनके पास से बरामद सुसाइड नोट में लिखा है: मैं जिंदगी से तंग आकर अपनी अगली यात्रा पर निकल रहा हूं, मैं अपनी बीमारी से तंग आकर यह कदम उठा रहा हूं। उनके सुसाइड नोट में मौत के बाद अंगदान करने की इच्छा के बारे में भी जिक्र किया गया है।

70 वर्षीय अश्विनी कुमार अगस्त 2006 से जुलाई 2008 तक हिमाचल प्रदेश के डीजीपी रहे थे और दो अगस्त 2008 से 30 नवंबर 2010 तक सीबीआइ के डायरेक्टर रहे थे। जब वे सीबीआइ चीफ थे उसी समय सोहराबुद्दीन शेख फेक एनकाउंटर मामले में भाजपा नेता व वर्तमान में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को गिरफ्तार किया गया था।

पूर्व सीबीआइ चीफ अश्विनी कुमार।

अमित शाह जब गुजरात की नरेंद्र मोदी सरकार में गृहमंत्री थे, उसी दौरान सोहराबुद्दीन शेख का एनकाउंटर हुआ था। यह घटना 26 नवंबर 2005 की है। सोहराबुद्दीन को लश्कर ए तैयबा का आतंकी व पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ का एजेंट बताते हुए गुजरात पुलिस ने मार दिया। सोहराबुद्दीन व उसकी पत्नी कौशर बी को हैदराबाद से महाराष्ट्र के सांगली एक बस से जाते हुए गुजरात एटीएस ने 23 नवंबर 2005 को गिरफ्तार किया था और उसके तीन दिन बाद 26 नवंबर 2005 को अहमदबाद के बाहरी इलाके में उनका इनकाउंटर कर दिया गया था। उसके अंडरवल्र्ड के लोगों से संबंध थे और वह राजस्थान व गुजरात के मार्बल कारोबारियों से उगाही करता था।

अमित शाह को जुलाई को 2010 में आतंकी बता कर सोहराबुद्दीन का एनकाउंटर किए जाने के केस में गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले वे भूमिगत हो गए थे। गिरफ्तारी से पहले अमित शाह ने गुजरात भाजपा कार्यालय में एक प्रेस कान्फ्रेंस किया था और खुद पर लगाये गए आरोपो को राजनीति से प्रेरित और कांग्रेस सरकार का झूठा चिट्ठा बताया था। तब अमित शाह को इस मामले में गिरफ्तार कर साबरमती जेल भेज दिया गया था।

सीबीआइ ने इस मामले में 30 हजार पेज का चार्जशीट तैयार किया था जिसमें अमित शाह व 14 अन्य पुलिस अधिकारियों का नाम शामिल किया गया था। चार्जशीट में कहा गया था कि सोहराबुद्दीन को इसलिए मारा गया था क्योंकि वह राजस्थान के मार्बल कारोबारियों का भयादोहन कर रहा था।

अश्विनी कुमार पुलिस में व्यापक बदलाव व सुधार करने वाले अधिकारी के रूप में जाने जाते रहे हैं। उन्होंने हिमाचल पुलिस का डिजिटलीकरण किया था और पुलिस थाने में कंप्यूटर के उपयोग को बढावा दिया था। उन्होंने ऑनलाइन शिकायत की व्यवस्था की थी।

यूपीए सरकार ने उन्हें मार्च 2013 में नागालैंड का गवर्नर नियुक्त किया था और अल्प समय के लिए वे मणिपुर के भी गवर्नर रहे।

Next Story

विविध