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Exclusive : क्या पश्चिमी यूपी के खूंखार गैंग्स्टर अनिल दुजाना ने खुद को जानबूझकर दिल्ली में अरेस्ट कराया है?
(दिल्ली क्राईम ब्रांच की गिरफ्त में पश्चिमी यूपी का सबसे खूंखार गैंग्स्टर अनिल दुजाना)
मनीष दुबे की रिपोर्ट
Exclusive: पश्चिमी यूपी सबसे खूंखार गैंग्स्टर माना जाने वाला अनिल दुजाना (Gangster Anil Dujana) आज गुरूवार 07 जनवरी को दिल्ली के मंडावली इलाके से पकड़ा गया। क्राइम ब्रांच का दावा है कि कुख्यात दुजाना मंडावली में एक बिजनेसमैन की हत्या के इरादे से घूम रहा था। दुजाना के साथ गैंग के दो मेंबर भी टीम के हत्थे चढ़े हैं। बता दें कि 36 वर्षीय अनिल दुजाना पर 62 गंभीर मुकदमें दर्ज हैं और दुजाना की गिरफ्तारी पर यूपी पुलिस ने 75 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।
खूंखार गैंग्स्टर अनिल दुजाना पर 18 मर्डर, रंगदारी, लूटपाट, जमीन पर कब्जा, कब्जा छुड़वाना और आर्म्स एक्ट समेत 62 संगीन मुकदमें दर्ज हैं। इसके अलावा दुजाना पर रासुका और गैंगस्टर एक्ट भी लगाया जा चुका है। वह गैंगस्टर सुंदर भाटी पर एके-47 से हमले का आरोपी है। दुजाना 2012 से जेल में था और जनवरी 2021 में बेल पर बाहर आया। उसपर बुलंदशहर पुलिस ने 25 हजार और नोएडा पुलिस ने 50 हजार का इनाम रखा था। पुराने केसों में पेश न होने पर अदालत ने गैरजमानती वॉरंट जारी कर दिया था।
बता दें कि, कहा यह भी जा रहा कि हो सकता है बागपत में मुन्ना बजरंगी और मुकीम काला के चित्रकूट में मारे जाने के बाद दुजाना को भी महाराजपुर में कुछ खतरा महसूस हुआ हो जिस कारण उसने एनबीड्ब्ल्यू कराकर दिल्ली में सरेंडर किया हो। कयास यह भी है कि शायद उसे लग रहा हो की कुछ दिन दिल्ली की जेल में बैठकर वह सुरक्षित रह सकता है। क्योंकि कहा जाता है की जेल में बेद कई गैंग्स्टर जमानत पाकर भी अपनी मर्जी से जमानतें नहीं भरवाते हैं। ताकि वह अपने अनूकुल समय के हिसाब से बाहर आ और जा सकें।
दिल्ली में गिरफ्तारी का असर
अनिल दुजाना कुख्यात और दिमाग से शातिर गैंग्स्टर है। उसे पता है कि यहां गिरफ्तारी के बाद दिल्ली क्राईम ब्रांच उसे दिल्ली की ही अदालत में पेश करेगी। जिसके बाद वह भले ही हत्या की प्लानिंग में जेल जाए लेकिन जाएगा दिल्ली की ही जेल। ऐसे में दिल्ली की जेल पहुँचकर सेफ रहते हुए अपनी टीम ऑपरेट कर सकता है। दिल्ली जेल में बंद रहते हुए वह यूपी की अदालतों में तारीखों पर भेजा जा सकता है। दिल्ली सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता दुर्गेश कुमार पांडेय ने जनज्वार संवाददाता से हुई बातचीत में कहा कि, 'कोई भी क्रिमिनल किस्म का आदमी अपनी मूवमेंट हमेंशा बनाकर चलता है यदि यह मूवमेंट बंद हो जाती है तो फिर उसके क्रियाकलापों में कमी आने लगती है और एक शातिर बदमाश कभी यह नहीं चाहता की उसकी मूवमेंट बंद हो।'
दिल्ली जेलों में दुजाना के चाहने वाले
दिल्ली की मंडोली जेल के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर जनज्वार को बताया कि अनिल दुजाना को अदालत में पेश करने के बाद मंडोली जेल ही लाया जा सकता है। यहां इस समय बुलंदशहर और गौतमबुद्ध नगर के कुछ कुख्यात गैंग्स्टर पहले से ही मौजूद हैं। एक सूत्र ने हमें यह भी जानकारी दी की मंडोली जेल में ही इस समय अमित कसाना और क्रिशन मूंडी भी बंद हैं। यह दोनो भी पश्चिमी यूपी के कुख्यात हैं और अनिल दुजाना पर जान छिड़कते हैं। ग्रेटर नोएडा का देवा नागर सहित मेरठ के भी कई बदमाश मंडोली जेल में ही बेद हैं जो दुजाना के करीबी हैं।
राजनीतिक महत्वकांक्षा भी रखता है दुजाना
अपराध की दुनिया में बड़ा नाम कहे जाने वाले अनिल दुजाना के करीबी बताते हैं कि दुजाना में भी राजनीतिक महत्वकांक्षा जाग रही है। उसने अपनी पत्नी पूजा को शादी के बाद ब्लॉक प्रमुख का चुनाव लड़ाया था। लेकिन ऐन वक्त पूजा चुनाव नहीं लड़ सकी थी। इसका रहस्य आज तक सामने नहीं आ सका कि आखिर पूजा चुनाव क्यों नहीं लड़ सकी। कुछ सूत्र तो यहां तक भी कहते हैं कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में दुजाना चुनावी हार जीत की तिकड़म बैठाने के इरादे से दिल्ली जेल पहुँचना चाहता था, क्योंकि यूपी की जेल से बैठकर वह इस वक्त वह नहीं कर पा रहा था जो वह चाह रहा था। दुजाना महाराजपुर जेल में बंद था।
जेलों में भी लगते हैं दरबार
कहा जाता है कुख्यात और नामचीन बदमाशों के जेलों के भीतर दरबार भी लगते हैं। इनकी जेलों के भीतर हर महीनें लाखों रूपयों की मुलाकात पहुँचती है। अंदर की दुनिया में ये बदमाश हर तरह की सुविधाओं से लैश रहते हैं। तमाम मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन बदमाशों की सरकारी तंत्र से तमाम तरह की सेटिंगों का समय-समय पर खुलासा भी होता रहता है। खुद न सही खुद के लोगों को सत्ता और सरकार में बिठाकर ये बदमाश तमाम हो सुख उठाते रहते हैं जिसे बाहर की दुनियां जान-सुनकर दांतों तले उंगली दबाने के अलावा और कुछ नहीं कर पाती।
बुलेटप्रूफ जैकेट में अदालत जाता है दुजाना
कुख्यात अनिल दुजाना के बारे में बताया जाता है कि उसे दोनों हाथों से एक साथ गोलियां चलाने में महारत हासिल है। जेल से बाहर वह बिना एके-47 के कहीं नहीं जाता। वह हर समय स्वचालित हथियारों के साए में रहता है। जेल के अंदर से पेशी पर जाने पर वह हमेशा बुलेटप्रूफ जैकेट पहनकर जाता है। उसने जेल से पेशी पर आने जाने के दौरान जान का खतरा बताकर अदालत से विशेष सुरक्षा प्रबंध करने की गुहार लगाई थी, जिसके बाद उसे बुलेटप्रूफ जैकेट पहनाकर पुलिस कस्टडी में पेशी पर भेजा जाता है।
बड़े बदमाशों के लिए एशगाह हैं दिल्ली की जेलें
दिल्ली जेलों के कई एक सूत्रों ने हमें बताया कि दिल्ली की जेलों में मोबाईल व नशा आसानी से पहुँच जाता है। ठीकठाक हैसियत वाले बदमाश को यहां शिकन तक नहीं होती। पैसा फेंकने पर पूरा तमाशा चलकर पास आता है। ऐसे में वहां सुरक्षित बैठकर अपना नेटवर्क संचालित करना आसान काम हो जाता है। बीती कुछ घटनाओं की अगर बात करें तो उस मुताबिक जेलों के भीतर पिस्टल व अन्य तरह के हथियार भी जा चुके देखे जा सकते हैं। इसका ताजा उदाहरण बागपत में मुन्ना बजरंगी व चित्रकूट जेल में मेराज व कुख्यात मुकीम काला की गोलियां मारकर की गई हत्या के रूप में सामने आ चुका है। बता दें कि मुकीम काला अनिल दुजाना का ही करीबी था। हालांकि दिल्ली में हथियार छोड़ सब आसान बताया जाता है।