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अमित शाह-मोदी ने स्वीकारी झारखंड की हार, तो लोग बोले जनता करेगी अब तड़ीपार
अमित शाह ने झारखंड में मिली हार के बाद किया ट्वीट, हम झारखंड की जनता द्वारा दिये गये जनादेश का सम्मान करते हैं। भाजपा को 5 वर्षों तक प्रदेश की सेवा करने का जो मौका दिया था उसके लिए हम जनता का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं....
जनज्वार। आखिरकार झारखंड मुक्ति मोर्चा गठबंधन और कांग्रेस गठबंधन को झारखंड में जीत हासिल हो ही गयी है। जनज्वार की ग्राउंड रिपोर्टिंग में भी यही रूझान सामने आया था कि जेएमएम—कांग्रेस गठबंधन राज्य में सरकार बनायेगा। सरयू राय फैक्टर पर जनज्वार शुरू से बात कर रहा था, कि यह भाजपा को ले डूबेगा।
झारखंड चुनाव में मोदी के जादू को इसलिए भी जनता ने नकार दिया मानेंगे, क्योंकि जिन जगहों पर उन्होंने रैलियां की थीं, उनमें से अधिकतर में भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा है।
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झारखंड में मिली हार के बाद अमित शाह ने ट्वीट किया है, हम झारखंड की जनता द्वारा दिये गये जनादेश का सम्मान करते हैं। भाजपा को 5 वर्षों तक प्रदेश की सेवा करने का जो मौका दिया था उसके लिए हम जनता का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं। भाजपा निरंतर प्रदेश के विकास के लिए कटिबद्ध रहेगी। सभी कार्यकर्ताओं का उनके अथक परिश्रम के लिए अभिनंदन।'
वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया है, 'मैं झारखंड की जनता को धन्यवाद देता हूं कि उसने कई वर्षों तक भाजपा को राज्य की सेवा करने का अवसर दिया। मैं इसके लिए पार्टी के मेहनती कार्यकर्ताओं की सराहना करता हूं। हम इसी तरह राज्य की सेवा करते रहेंगे और आने वाले समय में लोगों के केंद्रित मुद्दों को उठाते रहेंगे। झारखंड चुनावों में जीत के लिए हेमंत सोरेन जी और जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन को मेरी तरफ से शुभकामनायें।'
अमित शाह के हार स्वीकारने वाले ट्वीट पर नेहा बीएचयू लिखती हैं, 'एनआरसी और कैब बिल लागू कर दिया है झारखंड की जनता ने, अब देश की जनता आपको तड़ीपार करेगी। निकम्मी सरकार जो सिर्फ धार्मिक हिंसा ही फैला सकती है, बाकी विकास से कोई मतलब ही नहीं गुंडों को।'
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नीतिका पांडे कहती हैं, 'गरीब शिक्षामित्रों का भी कुछ सम्मान कीजिए, जो आपने चुनाव के समय वादे किये थे। आज 1800 शिक्षामित्र आत्महत्या कर चुके हैं। नहीं तो 2022 अब दूर नहीं है। सुबह का भूला शाम तक घर वापिस लौट आए उसको भूला नहीं कहते। सबका साथ सबका विकास। गरीब शिक्षामित्रों का आप वादा निभाईए
हम अपना निभाएंगे।'
VISH खाण्डल शर्मा (VISHNU) ट्वीटर हैंडल ने रिप्लाई किया है, 'भाजपा की मुख्य हार का कारण है प्रदेश के चुनावों में भी भाजपा के लोकल नेता मोदी जी के चेहरे, केंद्र के काम के बदले वोट मांगते हैं। किसी भी राज्य में जनता के दिल पर राज करने वाले मुख्यमंत्री के चेहरे नहीं है (शिवराजसिंह, फड़नवीस,रमण सिंह के अलावा)'
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पत्रकार कृष्णकांत भाजपा को मिली हार पर लिखते हैं, 'झारखंड में ही सबसे ज्यादा लिंचिंग हुई। झारखंड में ही लिंच मॉब को माला पहनाई गई। झारखंड में ही खुलकर साम्प्रदायिक कार्ड खेला गया। दस लाख का सूट पहनने वाले प्रधानमंत्री ने यहीं पर बताया कि वे कपड़ों से पहचान जाते हैं कि कौन दंगा करता है। गृहमंत्री ने जनता को लॉलीपॉप दिया कि चार महीने में भव्य मंदिर बन जाएगा। CAA और NRC का तमाशा भी बीच चुनाव हुआ। बाकी मुसलमान और पाकिस्तान तो इनकी प्राणवायु है ही। लेकिन झारखंड वाकई जनता ने यह सब खारिज कर दिया है। 81 में 60 से अधिक सीटों पर मोदी शाह ने प्रचार किया था। 79 सीटों पर बीजेपी चुनाव लड़ी थी। 25-26 पर सिमटती दिख रही है। संविधान बदल देने की धूर्ततापूर्ण कोशिश और सौ-सौ मिनट के झूठ से भरे भाषण और जनता का मजाक उड़ाने के अहंकार के बीच जनता ही देश की आखिरी उम्मीद है। जनता ने ही कांग्रेस की तानाशाही, भ्रष्टाचार और अराजकता से लोहा लिया था। जनता ही संविधान के साथ खिलवाड़, अहंकार, कानून की आड़ में छुपकर ऐतिहासिक भ्रष्टाचार और देश बांटने की कोशिशों का बदला लेगी।'
वहीं अनुज अग्निहोत्री 'स्वतंत्र' ने ट्वीट किया है, 'मोदी के क्रेज़ में कोई कमी नहीं है, बल्कि पहले से ज्यादा ही है। पिछले लोकसभा के पहले भी बीजेपी ने एमपी राजस्थान जैसे बड़े राज्य हारे थे, पर लोकसभा की 90% सीट जीती थी। लोकसभा में मोदी को चुनौती देने वाला आज भी कोई नहीं है, और बीजेपी की अगली पीढी की भी मजबूत लीडरशिप तैयार है।'