बलात्कार आरोपी चिन्मयानंद को संत समाज के लिए कलंक कहने वाला अखाड़ा परिषद अब क्यों कर रहा खुलेआम वकालत
अखाड़ा परिषद के संत नरेन्द्र गिरी ने बलात्कार आरोपी पूर्व भाजपा मंत्री चिन्मयानंद के बहिष्कार के फैसले को न सिर्फ वापस ले लिया, बल्कि अब खुलकर उनकी मदद करने का भी ऐलान किया है, क्योंकि अखाड़ा परिषद कुंभ में योगी सरकार से ले चुका है 760 करोड़ रुपये...
जेपी सिंह की रिपोर्ट
भाजपा सरकार में केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री रहे चिन्मयानंद जोकि छात्रा से बलात्कार मामले में आरोपी हैं, के मामले में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने एकदम पलटी मारते हुए उन्हें निर्दोष साबित करने की कोशिश की है। इतना ही नहीं अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने तो खुलेआम घोषणा कर दी है कि हम चिन्मयानंद का हर तरह से साथ देंगे। उनके साथ अन्याय हुआ है, इसलिए अखाड़ा परिषद उन्हें किसी भी हाल में अकेला नहीं छोड़ सकता।
ये कुछ ऐसा ही हो गया कि आपकी बिल्ली आपको कभी म्याऊं नहीं कर सकती। गौरतलब है कि पहले बलात्कार का आरोप लगने के बाद और पीड़ित छात्रा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने चिन्मयानंद को खुद से अलग-थलग कर लिया था, मगर अब खुलकर उनकी वकालत करने लगा है। परिषद के संत नरेन्द्र गिरी ने चिन्मयानंद के बहिष्कार के फैसले को न सिर्फ वापस ले लिया है, बल्कि अब खुलकर उनकी मदद करने का भी ऐलान किया है, क्योंकि अखाड़ा परिषद कुंभ में योगी सरकार से 760 करोड़ रुपये ले चुका है।
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दरअसल उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2019 के लोकसभा कुंभ (अर्द्धकुंभ) में इलाहाबाद के हिन्दू अखाड़ों को 760 करोड़ रुपये बतौर अनुदान दिए थे, जिनमें से 3 बड़े अखाड़ों को 500 करोड़ पहले दिए गये थे और 260 करोड़ बाकी बचे दस अखाड़ों को दिए गये। इन पैसों को अखाड़ा परिषद की बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए दिया गया।
इतने रुपये लेने पर भी अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद को संतोष नहीं हुआ और अखाड़ों ने कुंभ को लेकर चल रहे स्थायी निर्माण को पूरा करने के लिए यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार से एक-एक करोड़ की अतिरिक्त धनराशि अवमुक्त किए जाने की मांग की थी, जिसे सम्भवत: स्वीकार नहीं किया गया।
पहले स्वामी चिन्मयानंद के गिरफ्तार होते ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने उन्हें अखाड़ा परिषद से बाहर किये जाने की घोषणा की थी, लेकिन फटकार पड़ने और यह बताये जाने पर की राज्य सरकार से मिले अनुदान की ऑडिट जांच भी हो सकती है, अखाड़ा परिषद ने पलटी मार दी और घोषणा की कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद स्वामी चिन्मयानंद का हर तरह से साथ देगा।
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महंत नरेंद्र गिरी यह भी कहा कि स्वामी चिन्मयानंद के साथ अन्याय हुआ है। ऐसे में अखाड़ा परिषद उन्हें अकेला नहीं छोड़ सकता। महंत के मुताबिक चिन्मयानंद मामले की आड़ में साधु-संतों को बदनाम करने और उनकी छवि को बिगाड़ने की बड़ी साजिश की जा रही है।
महंत नरेंद्र गिरी का कहना है कि अखाड़ा परिषद ने इस मामले में संतों की टीम से जांच भी कराई थी और चिन्मयानंद का बयान भी लिया था। जांच में पाया गया कि ब्लैकमेलिंग कर करोड़ों रुपये ऐंठने के लिए उन्हें पहले नशीला सामान खिलाकर बेसुध किया गया और उसके बाद साजिश के तहत उनका वीडियो बनाया।
इस बारे में 10 अक्टूबर से हरिद्वार में होने वाली अखाड़ा परिषद की बैठक में औपचारिक एलान करते हुए उनकी सहायता करने की रूपरेखा तय की जाएगी। उनका दावा है कि चिन्मयानंद ने अपने वकीलों पर भरोसा जताया है और कोई कानूनी मदद लेने से मना किया है। इसके बावजूद उन्हें जिस भी तरह की मदद की जरूरत होगी, वह सभी उन्हें मुहैया कराई जाएगी।
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महंत नरेंद्र गिरी ने ही बीते 21 सितम्बर को बयान जारी कर चिन्मयानंद पर लगे आरोपों को शर्मनाक बताया था और उन्हें संत समाज से बहिष्कृत करने की बात कही थी। अपने बयान में उन्होंने कहा था कि चिन्मयानंद के कारनामे से समूचे संत समाज की छवि धूमिल हुई है। स्वामी चिन्मयानंद महानिर्वाणी अखाड़े से जुड़े हुए हैं।
गौरतलब है कि चिन्मयानंद को इस तरह से खुलेआम समर्थन करने वाले नरेंद्र गिरी वही संत हैं जिन्होंने 21 सितम्बर को कहा था कि चिन्मयानंद द्वारा किया गया कृत्य बेहद शर्मनाक और निंदनीय है। इससे साधु-संतों की भी बदनामी हो रही है। स्वामी चिन्मयानंद ने अपनी गलती मान ली है, लेकिन कानून के मुताबिक जो पाप उन्होंने किया है उसकी सजा तो उन्हें भुगतनी ही पड़ेगी। जब तक न्यायालय का फैसला नहीं आएगा और निर्दोष साबित नहीं होंगे, तब तक वह संत समाज से निष्कासित रहेंगे।
फिलहाल चिन्मयानंद और पीड़िता दोनों जेल में हैं। एसआईटी जल्द ही चिन्मयानंद, पीड़िता और पीड़िता के तीन दोस्तों को लखनऊ लैब में वॉइस सैंपल के लिए ले जा सकती है। चिन्मयानंद पर लॉ की छात्रा ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कई वीडियो भी सौंपे थे।
इस मामले में चिन्मयानंद का छात्रा से मालिश करवाते हुए वीडियो वायरल हुआ था। साथ ही पीड़िता का चिन्मयानंद से 5 करोड़ की रंगदारी का एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें पीड़िता और उसके तीन दोस्त वीडियो में दिखाई दे रहे थे।