Begin typing your search above and press return to search.
समाज

पंजाब में एनआरआई ने नहीं दी खुद के बारे में सरकार को जानकारी तो होगी कड़ी कार्रवाई

Prema Negi
31 March 2020 9:27 AM GMT
पंजाब में एनआरआई ने नहीं दी खुद के बारे में सरकार को जानकारी तो होगी कड़ी कार्रवाई
x

पंजाब सरकार लाख कोशिश के बाद भी अभी तक सभी एनआरआई का पता लगाने में सफल नहीं हो पायी, तो अब उठाया है यह कदम...

जनज्वार ब्यूरो, पंजाब। पंजाब में कोरोना वायरस से जंग लड़ने के लिए सरकार ने अब तक जो कदम उठाये हैं, उनमें और सख्ती लागू कर दी है। अब विदेश से पंजाब आने वाले हर व्यक्ति को खुद ही अधिकारियों को अपने बारे में जानकारी देनी होगी।

दि किसी एनआरआई ने ऐसा नहीं किया तो उसके खिलाफ सरकार कड़ी कार्यवाही भी कर सकती है। पंजाब में कितने एनआरआई वापस आये हैं, इसका सही सही आंकड़ा सरकार के पास नहीं है। बताया जा रहा है कि 40904 एनआरआई पंजाब लौट आये हैं, लेकिन कई रिपोर्ट में इस आंकड़े को डबल भी बताया गया है।

यह भी पढ़ें : पंजाब में जल्दी ही खत्म हो सकता है कंपनियों का लॉकडाउन, पर मालिकों ने रखी ये शर्त

कोरोना के कारण पंजाब लौटे एनआरआई में सबसे ज्यादा संख्या दोआबा क्षेत्र की है। यहां जालंधर पुलिस कमिश्नरेट क्षेत्र में 6863, जालंधर ग्रामीण में 5194, होशियारपुर में 2322, कपूरथला में 4107 और नवांशहर में 1360 एनआरआई अपने घरों को लौटे हैं। जालंधर पुलिस कमिश्नरेट क्षेत्र में 5189 और जालंधर ग्रामीण में 3088 लोगों को घरों में एकांतवास में रखा गया है। होशियारपुर जिले में 1959 एनआरआई क्वारंटीन किए गए हैं।

ही वजह है कि अब सरकार ने निर्णय लिया कि एनआरआई खुद ही अपने बारे में प्रशासन को जानकारी दें। इसके लिए विवरण व्हाट्सएप नंबर 9777-20404 पर भेजे जा सकते हैं।

संबंधित खबर : लॉकडाउन के बीच पंजाब में स्विगी और जोमैटो के जरिए घर-घर बहाल हो रही जरूरी सामान की आपूर्ति

दूसरी ओर पंजाब में अब ग्रामीण क्षेत्र में भी लोग प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं। गांवों की सीमाओं को सील कर दिया गया है। किसी को बाहर जाने या बाहर से आने वाले का गांव के अंदर नहीं आने दिया जा रहा है। रोपड़ जिले की 420 से अधिक पंचायतों ने अपने अपने गांव सील कर दिये हैं।

रोपड़ एसएसपी स्वपन शर्मा ने कहा कि पंचायतों का पूरा सहयोग मिल रहा है। 70 प्रतिशत गांवों ने अपनी इच्छा से यह कदम उठाया है।

गार्डले गांव के सरपंच मोहन लाल कहते हैं, गांवा वालों की सुरक्षा के लिए उपाय किए जा रहे हैं। पंचायत सदस्यों ने लोगों से बात की और उन्हें गांव से बाहर न जाने के लिए प्रेरित किया।

बालमगढ़ गाँव के सरपंच जसवंत सिंह कहते हैं, लोगों को घरों पर रहने के लिए प्रेरित करना उनकी ज़िम्मेदारी है। ग्रामीणों से बात करने के बाद ही उन्होंने यह कदम उठाया है।

यह भी पढ़ें : कोरोना वायरस के निशाने पर पंजाब: संदिग्धों की जांच में राष्ट्रीय औसत से 3 गुणा अधिक मामले आ रहे सामने

इधर पंजाब में कर्फ्यू में फंसे बाहर के लोगों को शिरोमणि गुरद्वारा प्रबंधक कमेटी ने उनके घरों में पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है। जम्मू और कश्मीर के 60 से ज्यारा श्रद्धालुओं को रवाना किया गया। इसके लिए विशेष बस चलायी गयी है।

सजीपीसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजिंदर सिंह मेहता कहते हैं कि जम्मू और कश्मीर के लिए दो बसें रवाना हुई हैं। स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार यात्रियों को एक-दूसरे से थोड़ी दूरी पर बैठने का इंतजाम किया गया है।

ससे पहले, एसजीपीसी ने पांच बसों में दिल्ली और हरियाणा के श्रद्धालुओं को भी उनके घरों तक भेजा था। अभी भी पंजाब में बाहर के राज्यों के कई श्रद्धालु फंसे हुए हैं।

Next Story