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दिल्ली

Lockdown में माफिया ने एंबुलेंस के डेड-बॉडी 'फ्रीजर' में मुर्दे की जगह भर दीं शराब की बोतलें

Prema Negi
17 April 2020 5:30 AM GMT
Lockdown में माफिया ने एंबुलेंस के डेड-बॉडी फ्रीजर में मुर्दे की जगह भर दीं शराब की बोतलें
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(पुलिस के उच्च अधिकारियों के अनुसार हरियाणा में शराब तस्करों का एक बड़ा नेटवर्क काम करता है।) 

अभी तक तस्कर कुकिंग गैस सिलेंडर, सब्जी, दूध के ड्रम या फिर साइकिल, मोटर साइकिल के ट्यूब का इस्तेमाल शराब छिपाने में कर रहे थे, मगर अब जो तरीका अपनाया वह तस्करी की हाइट है...

नई दिल्ली, दिल्ली। कोरोना की जंग से निपटने के लिए किये गये लॉकडाउन के बीच जहां सबकुछ थम गया है, वहीं शराब माफिया रोज नये—नये तरीके अख्तियार कर रहे हैं। इनमें कुछ तरीके तो ऐसे हैं कि सहज यकीन करना मु​श्किल होता है। दूरदराज की तो बात छोड़िये राजधानी दिल्ली में भी शराब माफिया ऐसे तरीके अख्तियार कर रहे हैं, जिनके बारे में सुनकर आश्चर्य होता है।

राजधानी दिल्ली में पुलिस चौकसी से हलकान तस्कर शराब तस्करी को रोज नये फार्मूले खोज रहे हैं। अभी तक तस्कर कुकिंग गैस सिलेंडर, सब्जी, दूध के ड्रम या फिर साइकिल, मोटर साइकिल के ट्यूब का इस्तेमाल शराब छिपाने में कर रहे थे। हरियाणा से चोरी छिपे दिल्ली में शराब ला रहे तस्करों ने इन तमाम फार्मूलों को मात दे दी।

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राब तस्करों का यह गैंग एंबुलेंस के भीतर लाश रखने के लिए एअरकंडीशन 'फ्रीजर' का इस्तेमाल करते पकड़े गये। गुरुवार 16 अप्रैल को आईएएनएस को यह जानकारी द्वारका जिले के डीसीपी एंटो अल्फांसे ने दी।

डीसीपी एंटो अल्फांसे ने बताया कि, "गिरफ्तार आरोपियों का नाम हरीश लोहिया और देवेंद्र है। हरीश लोहिया वसंत विहार दिल्ली और देवेंद्र कुसुमपुर पहाड़ी, दिल्ली का रहने वाला है। इनके कब्जे से 25 पेटी शराब (816 क्वार्टर) सहित काफी तादाद में शराब मिली है। आरोपियों के पास से बरामद एंबुलेंस को भी जब्त कर लिया गया है।"

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ह गैंग उस वक्त पकड़ा गया जब उसके सदस्य एंबुलेंस में बैठकर छाबला गांव की ओर से कुतुब विहार की ओर जा रहे थे। डीसीपी ने आगे बताया, "इस गैंग को पकड़ने के लिए एसीपी अशोक त्यागी के नेतृत्व में टीम बनाई गयी थी। टीम में एसएचओ छाबला इंस्पेक्टर ग्यानेंद्र राना, हवलदार ईश्वर, सिपाही महेंद्र और प्रदीप को शामिल किया गया था।"

कुतुब विहार श्मशान घाट के पास पुलिस बैरीकेट लगे देखकर एंबुलेंस ने जब गति धीमी की। उसी वक्त एंबुलेंस में मौजूद लोगों पर शक हुआ। पूछताछ के दौरान वे लोग टूट गये। जब एंबुलेंस में रखे डेड-बॉडी फ्रीजर को चेक किया तो उसमें शराब भरी हुई थी।

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गौरतलब है कि इससे पहले उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान जहरीली शराब बेचने का मामला सामने आया था, जिसमें 2 लोगों की मौत और कई अन्य की हालत काफी बिगड़ गयी थी।

कानपुर के पड़ोसी जिले घाटमपुर के मवई भच्छन गांव में शनिवार देर रात जहरीली शराब पीने से 2 लोगों की मौत शासन-प्रशासन स्तर की सभी सख्तियों की पोल भी खुल गयी। घाटमपुर के मवई भच्छन गांव में शराब पीने की वजह से दो की मौत हो गई तथा ग्राम प्रधान समेत छह लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। सभी गंभीर कानपुर के हैलट में भर्ती रहे। मरने वालों में एक स्वास्थ्यकर्मी और दूसरा ट्रक ड्राइवर था। ग्राम प्रधान रणधीर यादव, पूर्व प्रधान रहे विपिन सचान के बेटे फतेहपुर के अमौली में स्वास्थ्य कर्मचारी 30 वर्षीय अंकित सचान और गांव का रमन सचान, प्रिंस सचान, पुत्तन यादव, विवेक शर्मा व लालजी ने 11 अप्रैल की शाम एक साथ शराब पी, तो वहीं ट्रक ड्राइवर 31 वर्षीय अनूप सचान को घाटमपुर कस्बे से शराब पीकर घर आना बताया जा रहा है।

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