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पंजाब में लॉकडाउन के कारण भूख से बिलबिलाते लोग छतों पर कर रहे प्रदर्शन
मजदूरों ने लगाया आरोप कि उन्हें राहत सामग्री नहीं दी जा रही, वह भूख से तंग हैं, उनके पास छत पर प्रदर्शन करने के सिवाय नहीं है, हमारी सहायता का दिखावा भर कर रही है सरकार...
मनोज ठाकुर की रिपोर्ट
जनज्वार। कोरोना की भयावहता के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसके बाद मजदूरों-मेहनतकशों की दुर्दशा की तमाम खबरें आ रही हैं। पंजाब में भी लॉकडाउन के बाद लोग भारी त्रासदी में जी रहे हैं।
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लगातार कर्फ्यू की वजह से पंजाब में अब गरीब लोगों के पास खाने के लिए कुछ नहीं बचा है। उनका आरोप है कि सरकार की ओर से भी उन तक मदद नहीं पहुंच रही है। इसी से परेशान होकर मजदूरों ने छतों पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार को पूरी तरह से फेल करार दिया। माेगा जिले के कई गांवों में एक साथ यह प्रदर्शन किय गया। किसान यूनियन नेता तरसेम सिंह खुंडे ने कहा कि भागसर, भुट्टीवाला, खन्नू खुर्द, सोनके और डबरा गांव में इस तरह के विरोध दर्ज किए गए।
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प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन्हें राशन, दवाएं, मास्क और सैनिटाइटर की कमी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वे लॉकडाउन के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। इसके बाद भी उनकी स्थिति की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
पंजाब खेत मजदूर यूनियन के कार्यकर्ता मेजर सिंह, जिन्होंने कालेके गांव में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया, कहते हैं, भूमिहीन खेत मजदूरों के पास राहत सामग्री तक नहीं पहुंच रही है। यदि वह राहत सामग्री की मांग करते हैं तो पुलिस उनके साथ खराब व्यवहार करती है। उनके साथ मारपीट की जाती है। यदि वह घर से बाहर निकलते हैं तो उन्हें पुलिस की बर्बरता का सामना करना पड़ता है। यदि हम खेतों की ओर जाते हैं तो हमें पुलिस डंडे मार कर भगा देती है।
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उन्होंने आरोप लगाया कि जो राशन सामग्री सरकार बांटने का दावा कर रही है, वह उन तक नहीं पहुंच रहा है। इससे साफ है कि सिर्फ कागजों में ही राशन की आपूर्ति हो रही है। नेताओं और उनके कार्यकर्ताओं के बीच ही राशन बांटा जा रहा है। जरूरतमंद तक यह राहम सामग्री नहीं पहुंच रही है।
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बीकेयू कार्यकर्ता अमरजीत सिंह सैदोके ने मनरेगा श्रमिकों की आर्थिक मदद के साथ साथ उचित मूल्य की दुकानों पर राशन देने की मांग की है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कई उद्योग और कंपनियां लुधियाना, मांगी, गोबिंदगढ़, मोहाली, अमृतसर और अन्य शहरों में मजदूरों को निकाल दिया है, क्योंकि इसमें ज्यादातर को ठेकेदार के माध्मय से रखा गया था। अब ठेकेदार उनके पैसे भी नहीं दे रहे हैं। इस बाबत वह शिकायत कहां करें?
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इधर पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने मांग की है कि सरकार तुरंत ही सभी दलों की एक मीटिंग बुलाये। उन्होंने कहा कि पंजाब में हालात तेजी से खराब हो रहे हैं। कर्फ्यू की वजह से हालात तेजी से खराब हो रहे हैं। हालात से निपटने के लिए सरकार को चाहिए कि वह सभी दलों की एक बैठक बुलाये।
इधर सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि अब सरंपचों को अधिकार दिया गया कि वह भी कर्फ्यू के पास जारी कर सके। इससे लोगों की समस्या कुछ हद तक कम होगी।