इस्लामाफोबिक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर UAE में 3 और भारतीयों के खिलाफ कार्रवाई, नौकरी से निकाला
खाड़ी देशों में रहने वाले कुछ भारतीयों की इस्लामाफोबिक पोस्टों में तेजी से वृद्धि हुई है। इनमें से कई लोगों ने अपनी नौकरी खो दी है जबकि कई लोगों ने अपनी पोस्टों को हटा दिया है। जबकि कुछ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स को डिएक्टीवेट कर दिया है....
जनज्वार ब्यूरो। ऐसा लगता है यूएई में भारतीय दूतावास की कड़ी चेतावनियों के बावजूद इस्लामाफोबिक पोस्ट करने वालों पर कोई असर नहीं पड़ा है। इनकी संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। इसके साथ ही जिन लोगों पर यूएई सरकार की ओर से कार्रवाई हो रही है उनकी संख्या भी बढ़ रही है।
सप्ताह के अंत में नियोक्ताओं के ध्यान में यह बात लाए जाने के बाद कम से कम तीन और भारतीयों को नौकरी से निकाल दिया गया है या उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। नफरती पोस्टों को लेकर हफ्तेभर के भीतर करीब आधा दर्जन नफरती पोस्ट करने वाले कार्रवाई के घेरे में आ चुके हैं।
इस सूची में अब इतालवी शेफ रोहित रावत, स्टोर कीपर सचिन किनिगोली और एक कैश कस्टोडियन का नाम जुड़ गया है जिसका नाम फर्म (ट्रांसगार्ड ग्रुप) ने सार्वजनिक करने से रोक दिया है।
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गल्फ न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, दुबई में इतालवी रेस्तरां श्रृंखला के अजादिया ग्रुप के स्पोक्सपर्सन ने इस बात की पुष्टि की कि रोहित रावत एक शेफ के तौर पर कार्यरत थे उन्हें निलंबित कर दिया गया है और उन्हें अनुशासनात्मक जांच का सामना करना पड़ रहा है।
शारजाह स्थित न्यूमिक्स ऑटोमेशन ने भी कहा है कि उन्होंने अपने स्टोरकीपर सचिन किनिगोली को अगले नोटिस तक निलंबित कर दिया है।
फर्म के मालिक ने कहा, 'हमने उनके वेतन को रोक दिया है और उनसे कहा है कि वे काम पर न आएं। मामले की जांच की जा रही है। हमारी जीरो टॉलरेंस की नीति है। किसी का अपमान करने या किसी के धर्म के प्रति अवमानना करने का दोषी पाए जाने पर परिणाम भुगतना होगा।'
इसी तरह दुबई स्थित ट्रांसगार्ड ग्रुप ने कहा कि उन्होंने अपने एक कर्मचारी विशाल ठाकुर को नौकरी से हटा दिया है उसने फेसबुक पेज पर कई इस्लाम विरोधी संदेश पोस्ट किए थे।
ट्रांसगार्ड के स्पोक्सपर्सन ने एक बयान में कहा, एक आंतरिक जांच के बाद इस कर्मचारी की वास्तविक पहचान सत्यापित की गई और उसे उसके सुरक्षा क्रेडेंशियल से छीन लिया गया, उसका रोजगार से समाप्त कर दिया गया और कंपनी की नीति और यूएई साइबरक्राइम कानून नंबर 5 के अनुसार संबंधित अधिकारियों को सौंप दिया गया।
ट्रांसगार्ड के स्पोक्सपर्सन ने कहा कि उनकी फर्म लंबे समय से चली आ रही सोशल मीडिया नीति यूएई के कड़े साइबर नियमों का अनुपालन करती है।
स्पोक्सपर्सन ने आगे कहा, संघीय कानून के अनुसार नियमित निगरानी मूल्यांकन और यदि आवश्यक हो तो निर्वासन समेत अनुशासनात्म कार्रवाई की जाती है।
स्पोक्सपर्सन ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रकाश कुमार नाम का व्यक्ति नफरती टिप्पणी पोस्ट कर रहा है लेकिन वह उनके साथ काम नहीं कर रहा है। ट्विटर यूजर प्रकाश कुमार ने झूठा दावा किया है कि वह ट्रांसगार्ड ग्रुप के लिए काम करता है। जैसाकि उल्लेख किया गया है कि हमने मामला अधिकारियों को सौंप दिया है और चूंकि व्यक्ति ट्रांसगार्ड का कर्मचारी नहीं है इसलिए हमारे पास इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं है।
हाल ही में यूएई में भारत के पूर्व और वर्तमान दोनों राजदूतों की ओर से भारतीयों को यूएई के सख्त कानूनों को लेकर आगाह किया गया था। जीसीसी देशों की ओर से भी इसी तरह की चेतावनी जारी की गई थी।
खाड़ी देशों में रहने वाले कुछ भारतीयों की इस्लामाफोबिक पोस्टों में खतरनाक वृद्धि हुई है। इनमें से कई लोगों ने अपनी नौकरी खो दी है जबकि कई लोगों ने अपनी पोस्टों को हटा दिया है। जबकि कुछ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स को डिएक्टीवेट कर दिया है। कई लोगों ने अपनी शिकायतों में ऐसे लोगों के नियोक्ताओं को टैग किया है जिनपर दंडात्मक कार्रवाई की मांग की गई है।