उन्नाव गैंगरेप पीड़िता ने सड़क हादसे से पहले चीफ जस्टिस से लगाई थी जान बचाने की गुहार!
हादसे से पहले रेप पीड़िता और उसकी मां ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्हें आरोपी के गुर्गों द्वारा मिल रही धमकियों का किया था जिक्र, लेकिन उन्नाव रेप कांड में पीड़ित परिवार की तरफ से लिखी गई चिट्ठी चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को मिली ही नहीं...
जेपी सिंह की रिपोर्ट
एक पीड़ित को जब जिला और प्रदेश पुलिस प्रशासन से न्याय नहीं मिलता तो वह न्यायपालिका से न्याय की गुहार लगाता है, पर जब न्यायपालिका भी गूंगी बहरी बनी जाय तो फिर सवाल है कि पीड़ित कहां गुहार लगाये?
उन्नाव रेप पीड़िता के सड़क हादसे मामले में एक नया खुलासा सामने आया है। हादसे से पहले रेप पीड़िता और उसकी मां ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्हें आरोपी के गुर्गों के द्वारा मिल रही धमकियों का जिक्र किया गया है, लेकिन उन्नाव रेप कांड में पीड़ित परिवार की तरफ से लिखी गई चिट्ठी चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को मिली ही नहीं है।
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चिट्ठी न मिलने पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने नाराजगी जताई है। चीफ जस्टिस गोगोई ने रजिस्ट्रार से पूछा है कि 12 जुलाई को लिखी गई चिट्ठी उनके सामने अब तक क्यों पेश नहीं की गई? उन्होंने बताया कि उन्हें मीडिया में चल रही खबरों से इस चिट्ठी के बारे में जानकारी मिली है। रजिस्ट्रार को एक हफ्ते के भीतर जवाब देना है। चीफ जस्टिस कल एक अगस्त को उन्नाव केस की सुनवाई करेंगे।
पत्र के जरिए पीड़िता की मां और पीड़िता ने एक बार फिर इंसाफ की गुहार लगाई है। ये पत्र 12 जुलाई को लिखा गया है, इस पत्र में पीड़िता और उसके परिजनों ने आरोपियों द्वारा सुलह न करने पर जेल भिजवाने की धमकी का जिक्र किया है।
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12 जुलाई 2019 को लिखे गए इस पत्र को पीड़ित परिवार की तरफ से यह पत्र सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस, इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, प्रमुख सचिव (गृह), पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक, लखनऊ में सीबीआई के प्रमुख और पुलिस अधीक्षक (उन्नाव) को यह पत्र भेजा गया है।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि 7 जुलाई 2019 को आरोपी शशि सिंह के पुत्र नवीन सिंह, विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई मनोज सिंह सेंगर, कुन्नू मिश्रा और दो अज्ञात व्यक्ति द्वारा घर आकर धमकी दी गई। पत्र में सुलह न करने की स्थिति में फर्जी मुकदमे में फंसाकर सभी को जेल भेजने की धमकी दी गई।
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पत्र में लिखा है कि आरोपियों के गुर्गों ने कहा कि हमने जज खरीदकर कुलदीप सिंह और शशि सिंह की जमानत मंजूर कर ली है और तुम सब को फर्जी मामले में जेल की सजा कराकर जेल में सड़ा देंगे। पत्र में 8 जुलाई का भी जिक्र किया गया है, जिसमें कहा गया है कि आरोपी शशि का पति भी घर आया और सुलह करने पर जोर दिया और ऐसा न करने पर उसने भी फर्जी मामले में फंसाकर जेल में डालने की धमकी दी।
पीड़िता ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई से अनुरोध किया है कि उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कीजिए जो हमें धमका रहे हैं।लोग मेरे घर आते हैं, धमकाते हैं और केस वापस लेने की बात कर ये कहते हैं कि ऐसा नहीं किया तो पूरे परिवार को फर्जी केस में जेल में बंद करवा देंगे। पीड़िता और उसके परिवार ने पत्र के साथ उस कार का वाडियो भी संलग्न किया गया था, जिसमें ये लोग उनके घर आए थे। पत्र में उन्हें धमकी देने वाले व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
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पीड़िता की मां ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर ट्रायल को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की थी। 16 अप्रैल 2019 को इस केस की सुनवाई हुई और सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई, कुलदीप सिंह सेंगर समेत 15 प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की ओर से रजिस्टर्ड एडी के जरिए 28 जून को नोटिस इन प्रतिवादियों को भेजे गए. सीबीआई की ओर से वकील ने 18 जुलाई को वकालतनामा दाखिल किया। हालांकि जांच एजेंसी की ओर से कोई हलफनामा दाखिल नहीं हुआ।
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बीते रविवार यानी 28 जुलाई को रेप पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों को ले जा रही कार को रायबरेली में एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी, जिसमें पीड़ित की मौसी और चाची की मौत हो गई। हादसे में बलात्कार पीड़ित और उसके वकील बुरी तरह जख्मी हो गए।