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Farooq Abdullah on J&K: "ज्वालामुखी बन रहा जम्मू-कश्मीर, अनुच्छेद 370 लौटाना होगा"- फारूक अब्दुल्ला
फारूक अब्दुल्ला के बदले सुर, कहा - राम सिर्फ हिंदुओं के नहीं, सबके भगवान हैं
Jammu-Kashmir News: नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार, 26 अक्टूबर को पुंछ में एक जनसभा में कहा कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म किए जाने के बाद से राज्य ज्वालामुखी बन रहा है और इस बात को लेकर चिंता व्यक्त की अगर यह फटेगा तो क्या हालात होंगे। पूर्ववर्ती राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दूल्ला ने कहा कि, "गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah)के दौरे के दौरान टी-20 क्रिकेट विश्व कप में पाकिस्तानी टीम द्वारा भारत को मिली हार के बाद घाटी में मनाए गए जश्न का मकसद भाजपा को भड़काना था।"
फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah)मंगलवार को पुंछ के सूरनकोट में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। यहां उन्होंने कहा कि, "पाकिस्तान के जीत पर भारत में जश्न मनाने वालों का इससे कुछ लेना देना नहीं है। यह सिर्फ भाजपा को भड़काने के मकसद से किया गया था। ये करने वाले बच्चे और युवा लड़के थे और भाजपा को इसे आंख खोलने वाले सबक के तौर पर देखना चाहिए।"
अब्दुल्ला ने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी को लगता है कि कश्मीर में एक नया चरण शुरू हो गया है और आतंकवाद (Terrorism)खत्म हो गया है, लेकिन स्थिति कुछ अलग है। अब्दुल्ला ने कहा कि, " उन्होंने (भाजपा) हमसे अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए छीन लिया और दावा किया कि कश्मीर में एक भी गोली नहीं चली। जब आपने हर घर के दरवाजे के बाहर एक सिपाही को बैठा दिया तो गोलियां कैसे चलाई जातीं?
अमित शाह पर निशाना साधते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि, "शाह ही थे जिन्होंने अनुच्छेद 370 के तहत राज्य के विशेष दर्जे को रद्द करने की घोषणा की थी और रविवार को पाकिस्तान की क्रिकेट जीत के बाद जश्न के भी गवाह बने। एक ज्वालामुखी बन रहा है जब उन्हें लगता है कि उन्होंने सबको खामोश कर दिया है। यह ज्वालामुखी एक दिन फूटेगा और भगवान जाने इसका स्वरूप और आकार क्या होगा। उन्हें (भाजपा को) जम्मू-कश्मीर के लोगों को अनुच्छेद 370 वापस करना होगा।"
जनसभा को संबोधित करते हुए NCP अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के लिए उनके द्वारा की जा रही प्रयासों का भी बचाव किया और कहा कि वे दोनों देशों में अच्छी भावना और उपमहाद्वीप में शांति और विकास के व्यापक हित में ईश्वर से प्रार्थना करें। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों देश अपने राजस्व का एक बड़ा हिस्सा एक दूसरे से युद्ध की तैयारी में खर्च करते हैं। लेकिन इसका असर दोनों देशों के गरीब लोगों पर पड़ता है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने भारत-पाक दुश्मनी को लेकर कहा कि, "जम्मू कश्मीर के लोग दोनों देशों की दुश्मनी के बीच फंस गए हैं। दुश्मनी भी हिंदुओं और मुसलमानों के नाम पर नफरत फैलाने और लोगों को बांटने का मुख्य कारण है। उनकी राय में दोनों देशों में राजनीतिक दल कश्मीर के नाम पर चुनाव जीतते हैं। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान कहता है कि कश्मीर हमारे गले की फांस है और हम 75 साल से पीड़ित हैं। इधर भारत कहता है कि यह हमारी जमीन है और हम उस जमीन को पाकिस्तान से वापस ले लेंगे। लेकिन दोनों ही देशों ने जम्मू-कश्मीर के लोगों से कभी नहीं पूछा कि हम कहां खड़े हैं।"
बता दें कि अगस्त 2019 में केंद्र की भाजपा सरकार ने अनुच्छेद 370 (Article 370)के तहत जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द कर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित क्षेत्र, जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया।
गौरतलब है कि इसी महीने कश्मीर में आतंकी गतिविधियां फिर से शुरू हो गई और गैर कश्मीरी लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। बिहार के 4 मजदूरों को कश्मीर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। उसके बाद 25 अक्टूबर को भारत बनाम पाकिस्तान का क्रिकेट मैच हुआ जिसमें भारत को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। भारत की हार के बाद जम्मू-कश्मीर में जश्न का माहौल देखा गया था।