Kanpur News: 'जब मुलायम सिंह नहीं रहे तो जीकर क्या करूंगा?' कहकर नदी में कूदा मजदूर, नेताजी के साथ चला गया
Kanpur News: जब मुलायम सिंह नहीं रहे तो जीकर क्या करूंगा? कहकर नदी में कूदा मजदूर, मौत
Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर में नेताजी के सच्चे भक्त द्वारा आत्महत्या (Suicide) किये जाने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि मुलायम सिंह यादव के निधन की खबर सुनकर 50 वर्षीय मजदूर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह शहर के इस्पात नगर (Ispat Nagar) में रहकर मजदूरी करता था, जहां लोग कह रहे कि, सोमवार को मुलायम के निधन (Mulayam Singh Death) की खबर से आहत अधेड़ ने खुदखुशी कर जान दे दी।
नेताजी के निधन से बौखलाया मजदूर । Mulayam Singh Yadav Death
रामादेवी के नजदीक इस्पात नगर में रहने वाला 50 वर्षीय मजदूर राजेश यादव जैसे ही काम से घर आया तो उसे नेताजी के निधन की जानकारी मिली। इस खबर से वह बौखला गया। वह घर के बाहर आकर चिल्लाने लगा, 'उसने कहा, जब मुलायम सिंह नहीं रहे तो हम जी कर क्या करेंगे?' इसके बाद राजेश ने पास में बह रही पांडू नदी में छलांग मार दी। कई दिनों की चल रही बारिश में उफनाई नदी राजेश यादव को मुलायम सिंह यादव के पास बहा ले गई।
मृतक 50 वर्षीय मजदूर राजेश यादव की मौत के बाद उनके परिवार में चार नाबालिग बेटियां, जिनमें, सरिता, आरूषि, ममता, ललिता समेत पत्नी रामरती हैं। मृतक राजेश के छोटे भाई अमर बहादुर ने बताया कि, 'भैया राजेश को नेताजी मुलायम सिंह (Netaji Mulayam Singh) से बड़ा लगाव था। उनके निधन की बात सुनकर वे अवसाद का शिकार हो गये। उनका दिमाग सह नहीं पाया और आत्महत्या कर ली।'
इस मामले में पुलिस (Police) का कहना है कि, हमें किसी तरह की कोई सूचना नहीं मिली है। सूचना मिलेगी तो संज्ञान में लेकर पड़ताल की जाएगी। लेकिन इन सबमें एक बात तो माननी पड़ेगी की नेताजी कोई हल्की सख्शियत थे भी नहीं। यारों के यार और दुश्मनों के भी दोस्त वाली फितरत को नेताजी ने ताउम्र जिया है। अखिलेश यादव (Akhilesh Ydav) शायद उनसे यही एक कला, बाकी रही जो वे ले नहीं पाए। खैर,..
आज सैफई के मेला ग्राउण्ड में, समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अखिलेश यादव ने पिता मुलायम सिंह यादव को मुखाग्नि दी। मुलायम के घर से मेला ग्राउंड की दूरी करीब 500 मीटर है लेकिन वहां पहुंचने में करीब एक घंटा लगा क्योंकि उनके समर्थक आखिरी दर्शन के लिए भारी संख्या में सैफई पहुंचे थे। मेलाग्राउंड में लाखों मुलायम समर्थक मौजूद हैं। नारेबाजी हो रही है- जब तक सूरज-चांद रहेगा, नेताजी का नाम रहेगा।