Begin typing your search above and press return to search.
पर्यावरण

अम्फान ने मचाई भीषण तबाही, भारत और बांग्लादेश में 19 लोगों की मौत, हर तरफ तबाही का मंजर

Ragib Asim
21 May 2020 5:08 AM GMT
अम्फान ने मचाई भीषण तबाही, भारत और बांग्लादेश में 19 लोगों की मौत, हर तरफ तबाही का मंजर
x

जनज्वार। चक्रवाती तूफान अम्फान ने भारत में 12 लोगों की जान ले ली है। कोलकाता और पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में तूफान से भारी नुकसान होने की खबरें आ रही हैं। ओडिशा में भी भारी तबाही होने की रिपोर्ट मिल रही हैं। पड़ोसी देश बांग्लादेश में तूफान से कम से कम सात लोगों की मौत हो गई है। वहां भी तूफान से भारी नुकसान हुआ है।

पश्चिम बंगाल के कई हिस्से बुरी तरह प्रभावित

श्चिम बंगाल में तूफान के कारण सैकड़ों कच्चे और कमजोर मकान बर्बाद हो गए हैं। निचले इलाकों में पानी भरने से भी काफी नुकसान हो रहा है। उत्तरी 24 परगना जिले में पेड़ के नीचे दबने से एक महिला और एक पुरुष की मौत हो गई। हावड़ा में एक 13 वर्षीय लड़की की मौत होने की खबर है। बिजली का करंट लगने से हुगली और उत्तरी 24 परगना में तीन लोग मर गए। हालांकि राज्य सरकार के अधिकारियों का कहना है कि अभी नुकसान का अनुमान लगाना जल्दबाजी होगा। कई क्षेत्रों से अभी भी रिपोर्ट मिलना बाकी है। वहां से संपर्क नहीं हो पा रहा है।

संबंधित खबर : स्पीकर मोड पर सुनें मोबाइल, क्योंकि इस पर लंबे समय तक टिका रहता है कोरोना वायरस

पुल और बांध भी क्षतिग्रस्त

क्रवाती तूफान अम्फान ने बुधवार की शाम पश्चिम बंगाल के बड़े हिस्से में भीषण तांडव मचाया। इससे व्यापक पैमाने पर नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह बहुत बड़ी तबाही है। तूफान कई इलाकों से 130 से 140 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गुजरा। अनेक पुल और बांध क्षतिग्रस्त हुए हैं, स्ट्रीट लाइट के खंभे और मोबाइल फोन के टावर गिर गए, पेयजल और बिजली प्रणाली ध्वस्त हो गई है, बड़े इलाके में खेती बर्बाद हो गई है, हजारों कच्चे घर गिर गए हैं और कई इलाकों से संपर्क टूट गया है। हजारों पेड़ गिरने से सड़क पर आना-जाना मुश्किल हो गया है। कोलकाता शहर में 114 किमी तक की रफ्तार से आंधी चली। तीन घंटे में यहां 180 मिमी बारिश हुई। यहां का दमदम हवाई अड्डा गुरुवार सुबह तक के लिए बंद कर दिया गया है। नबान्न भवन, जहां मुख्यमंत्री का भी ऑफिस है, उसे भी नुकसान पहुंचा है। मौसम विभाग ने राज्य के बड़े हिस्से में गुरुवार तक भारी बारिश की आशंका जताई है। इस दौरान 140 किमी तक की रफ्तार से आंधी भी चलेगी।

संबंधित खबर : अंधविश्वास पर टिकी है रामदेव की इलाज पद्धति, अब सरसों के तेल से कोरोना वायरस मारने का दावा

नुकसान के आंकलन में समय लगेगा

मुख्यमंत्री ने बताया कि तूफान ने बीच में अपना रास्ता बदला है। पहले इसके दीघा के पास तट पर पहले पहुंचने का अनुमान था, लेकिन यह पहुंचा सागर के पास। उन्होंने बताया कि चक्रवात का आकार काफी बड़ा और हवा की गति काफी ज्यादा होने के कारण राज्य के दक्षिणी इलाके 90 फीसदी तबाह हो चुके हैं। उत्तर और दक्षिण 24 परगना, मिदनापुर, कोलकाता, हावड़ा, बर्दवान, हुगली, बांकुड़ा, पुरुलिया, नदिया जिलों में ज्यादा नुकसान हुआ है। तूफान के रास्ता बदलने के कारण उत्तरी बंगाल में भी तेज बारिश हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा, हमने अपने जीवन में ऐसा तूफान पहले कभी नहीं देखा। अब हम यह देख रहे हैं कि राज्य का कौन सा हिस्सा क्षतिग्रस्त नहीं हुआ है। कुछ इलाकों में राहत टीम को पहुंचने में एक-दो दिन लगेंगे, उसके बाद ही नुकसान का पूरा आकलन किया जा सकेगा। खेती को नुकसान को देखते हुए किसानों को हाथों में कुछ पैसा पहुंचाने की कोशिश की जाएगी।

संबंधित खबर: योगीराज में मिड डे मील में हावी है मनुवाद, दलित छात्रों के बर्तन अलग रखे जा रहे

6.5 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा

श्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में सुबह से बारिश हो रही थी। समय बीतने के साथ यहां हवा की गति और बारिश की भीषणता बढ़ती जा रही थी। मौसम विभाग के अनुसार चक्रवाती तूफान का दायरा काफी बड़ा है और इसे पूरी तरह निकलने में अभी समय लगेगा। एडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान के अनुसार पश्चिम बंगाल में पांच लाख और ओडिशा में 1.5 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों तक पहुंचाया गया। ओडिशा में इसकी 20 टीमें तैनात की गई हैं। पश्चिम बंगाल में 19 टीमें तैनात हैं और दो स्टैंडबाय में रखी गई हैं। तूफान 21 मई को असम और मेघालय पहुंचेगा। वहां भी भारी बारिश के आसार हैं।

में चक्रवाती तूफान ने कल शाम 3.30 से 5.30 बजे के बीच तबाही मचाना शुरू किया। अधिकारियों ने बताया कि तूफान से बचाव कार्य में लगे एक अधिकारी की भी मौत हो गई। शाह आलम नाम का अधिकारी उस समय लापता हो गया जब उसकी नाव कालापारा उपजिला की एक नहर में डूब गई। करीब नौ घंटों के बाद उसका शव मिला। बांग्लादेश में करीब दस लाख लोगों को तूफान की तबाही से बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया था। तूफान की भयावहता को देखते हुए पड़ोसी देश के सभी बंदरगाहों को सर्वोच्च खतरे का संकेत प्रसारित करने को कहा गया था।

Ragib Asim

Ragib Asim

    Next Story

    विविध