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राजनीति

बलात्कार के आरोपी भाजपा नेता चिन्मयानंद को जमानत, खराब तबीयत का दिया था हवाला

Prema Negi
3 Feb 2020 11:15 AM GMT
बलात्कार के आरोपी भाजपा नेता चिन्मयानंद को जमानत, खराब तबीयत का दिया था हवाला
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छात्रा के बलात्कार मामले में आरोपित चिन्मयानंद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी बताते हैं अपना करीबी, 2017 में जब बीजेपी भारी बहुमत से जीती थी तो चिन्मयानंद ने ही सबसे पहले योगी का नाम सीएम पद के लिए सुझाया था...

जेपी सिंह की रिपोर्ट

जनज्वार। पिछले 135 दिनों से छात्रा के बलात्कार मामले में सलाखों के पीछे रह रहे भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गयी है।

लएलएम की छात्रा से बलात्कार के आरोपी पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 16 नवंबर 2019 को सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले दिसंबर 2019 में चिन्मयानंद से पांच करोड़ की फिरौती मांगने के मामले में आरोपी एलएलएम की छात्रा को भी इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। छात्रा 70 दिनों तक जेल में बंद रही और चिन्मयानंद को 135 दिन की जेल के बाद जमानत मिली है।

पीड़ित छात्रा केस की जांच कर रही एसआईटी इस मामले में छह नवंबर छात्रा 2019 और उसके तीनों दोस्त संजय, सचिन, विक्रम के खिलाफ निचली अदालत में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।

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रअसल एलएलएम की छात्रा ने चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाया था और छात्रा तथा उसके दोस्तों पर पांच करोड़ रुपये की फिरौती मांगने का आरोप चिन्मयानंद की और से लगाया गया है। यह मामला 24 अगस्त 2019 को फेसबुक पर छात्रा का वीडियो वायरल होने के बाद सामने आया था। छात्रा ने चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाने के साथ ही कई लड़कियों की भी जिंदगी बर्बाद करने का आरोप लगाया था।

फेसबुक पर वीडियो वायरल करने के बाद छात्रा के लापता होने पर छात्रा के पिता ने 25 अगस्त को कोतवाली में एसएस लॉ कॉलेज के प्रबंधक चिन्मयानंद व अन्य व्यक्तियों पर अपहरण करने व दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी।

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स्वामी चिन्मयानंद के वकील ने 26 अगस्त 2019 को आरोप लगाया था कि चिन्मयानंद से अज्ञात लोगों ने उनका अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देने के साथ पांच करोड़ रुपये की फिरौती मांगी है। उनकी शिकायत पर चौक कोतवाली में 25 अगस्त को रिपोर्ट दर्ज की गई थी। 30 अगस्त को राजस्थान के दौसा जाकर पुलिस ने छात्रा और उसके दोस्त संजय को हिरासत में लिया था। हालांकि तब तक मामला उच्चतम न्यायालय के संज्ञान में आ चुका था।

सी दिन पुलिस छात्रा को लेकर उच्चतम न्यायालय पहुंची थी। जहां दो जजों ने छात्रा से बात की और प्रदेश सरकार को एसआईटी गठित कर मामले की जांच कराने को कहा था। पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से जांच की निगरानी करने के निर्देश दिया था और छात्रा व उसके भाई को दूसरे कॉलेज में भेज दिया था।

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सआईटी ने दुष्कर्म आरोपी चिन्मयानंद को 20 सितंबर 2019 को आश्रम से गिरफ्तार कर लिया। इसी दिन फिरौती के आरोपी छात्रा के दोस्त संजय, सचिन और विक्रम को भी गिरफ्तार कर लिया गया। इधर, छात्रा को भी 25 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया गया। छात्रा की जमानत जिला एवं सत्र न्यायालय से खारिज होने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी डाली गई थी। 70वें दिन छात्रा को जमानत में मंजूरी मिलने के बाद जेल से उसकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया।

गौरतलब है कि चिन्मयानंद के बारे में लॉ छात्रा ने 12 पन्नों की शिकायत और SIT को दिए बयान में कई चौंका देने वाली बातें सामने आई थीं। पीड़िता का कहना है कि चिन्मयानंद ने ब्लैकमेल कर रेप किया है। पीड़िता का हॉस्टल के बाथरूम में नहाने का वीडियो बनाया गया और उस वीडियो को वॉयरल करने की धमकी देकर एक साल तक रेप करता रहा। साथ ही पीड़िता ने बताया कि चिन्मयानंद ने शारीरिक शोषण का वीडियो भी बनाया है।

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चिन्मयानंद पीड़िता से मसाज करने का भी दबाव बनाता था और कई बार उसके साथ बंदूक के दम पर भी रेप हुआ है। लड़की ने भी अपने बचाव के लिए चिन्मयानंद का वीडियो बनाया था, जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। लड़की ने इसके लिए अपनी चश्मे में खुफिया कैमरा लगाया और चिन्मयानंद का वीडियो बनाया।

पीडिता ने घर पास में होने के बावजूद हॉस्टल में रहने के पीछे कारणों का खुलासा किया था। उसने बताया था कि वह एलएलएम में एडमीशन लेने के लिए गई था लेकिन चिन्मयानंद ने उसे नौकरी दे दी। नौकरी में काम का ज्यादा बोझ होने के कारण उसे हॉस्टल में रहना पड़ा जहां उसके साथ गलत हुआ।

स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की एक छात्रा ने 24 अगस्त को एक विडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण और कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने के आरोप लगाए और उसे व उसके परिवार को जान का खतरा बताया था। विडियो सामने आने के बाद छात्रा लापता हो गई थी। मामले में 25 अगस्त को पीड़िता के पिता की ओर से कोतवाली शाहजहांपुर में अपहरण और जान से मारने की धाराओं में स्वामी चिन्मयानंद के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया गया था। इसके बाद स्वामी चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने पांच करोड़ रुपए रंगदारी मांगने का भी मुकदमा दर्ज करा दिया था।

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राम मंदिर आंदोलन में चिन्मयानंद ने गोरखपुर के गोरक्षा पीठ के महंत और पूर्व सांसद अवैद्यनाथ के साथ मिलकर बड़ी भूमिका निभाई थी। 1991 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने चिन्मयानंद को बदायूं की सीट से टिकट दिया था, जहां से उनका कोई ताल्लुक नहीं था, लेकिन कहते हैं कि मंदिर आंदोलन की लहर में उन्होंने ये चुनाव जीत लिया था।

सके सात साल बाद चिन्मयानंद 1998 में मछलीशहर से और 1999 में जौनपुर सीट से सांसद चुने गए। इसके बाद वाजपेयी सरकार में केंद्रीय गृहराज्य मंत्री बनाए गए। स्वामी चिन्मयानंद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी अपना करीबी बताते हैं। कहा जाता है कि 2017 में जब बीजेपी भारी बहुमत से जीती थी तो इन्होंने ही सबसे पहले योगी का नाम सीएम पद के लिए सुझाया था।

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