सोशल मीडिया पर मौत की खबर फैला श्रद्धांजलि देने वालों का लगा तांता तो डॉक्टर आई सामने कहा बंद करो फर्जीवाड़ा, जिंदा हूं मैं
जिस डॉक्टर का फोटो लगाकर यह फेक न्यूज फैलाई जा रही है उनका नाम डॉ. रिचा राजपूत है और उन्होंने खुद अपने ट्वीटर एकाउंट से इस बात को कहा है कि हमारी मौत का फर्जीवाड़ा बंद करो, अभी हम जिंदा हैं....
जनज्वार। कोरोना की भयावहता के बीच देशभर में अब तक जहां सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है, हजारों लोग जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं, वहीं कोरोना का इलाज कर रहे कई डॉक्टर भी अब तक कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और कई कोरोना वारियर्स डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों, सफाईकर्मियों की मौत भी हो चुकी है।
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ऐसे में सोशल मीडिया पर एक महिला डॉक्टर का फोटो उन्हें श्रद्धांजलि और फर्जी नाम बताकर वायरल हो रहा है। कहा जा रहा है कि कोरोना संक्रमितों का इलाज करते करते डॉ. मनीष खुद कोरोना पॉजिटिव हो गयीं और उनकी मौत हो गयी, जबकि जिस डॉक्टर का फोटो लगाकर यह फेक न्यूज फैलाई जा रही है उनका नाम डॉ. रिचा राजपूत है और उन्होंने खुद अपने ट्वीटर एकाउंट से इस बात को कहा है कि हमारी मौत का फर्जीवाड़ा बंद करो, अभी हम जिंदा हैं।
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डॉक्टर रिचा की फोटो के साथ एक अन्य डॉक्टर की मौत की खबर फैलाने वालों को ट्वीटर पर जवाब देते हुए उन्होंने ट्वीट किया है, अभी हम जिंदा हैं। हमारे मौत की फेक न्यूज़ फेसबुक और ट्विटर पर बहुत वायरल हो गयी है। हँसी तो आती है इस पर, लेकिन डर भी लगता है कहीं कोई हमारे भूत की अफवाह फैलाकर कुटाई न कर दे...ऐसी अफवाहों पर कई लोगों की जान जा चुकी है। मेरी इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने में मदद करें, ताकि मेरी फोटो के साथ शेयर की जा रही फेक न्यूज पर विराम लगे।
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गौरतबल है कि सोशल मीडिया पर दो तस्वीरों के साथ एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र में एक 28 वर्षीय डॉक्टर मनीषा पाटिल की मौत हो गई है। डॉ मनीषा कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज कर रही थीं, जिसके दौरान उनको भी संक्रमण हो गया। इस पोस्ट में इस्तेमाल एक तस्वीर में गले में आला लटकाए एक महिला दिख रही है और दूसरी तस्वीर में एक महिला और एक पुरुष अस्पताल में मरीजों वाली पोशाक में दिख रहे हैं।
इस फेक तस्वीर को शेयर करते हुए पूनम वर्मा ने लिखा है, 'बहुत दुख के साथ बताना पड़ रहा है कि महाराष्ट्र की रहने वाली 28 वर्षीय डॉक्टर मनीषा पाटील की कल कोरोना बिमारी से मौत हो गई। मनीषा ने काफी लोगों की जाँच कर उन्हे स्वस्थ किया था, लेकिन वे खुद को ना बचा सकीं। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे। डॉ. रिचा राजपूत की तस्वीर वाली इस तरह की अनगिनत पोस्टें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिन्हें हजारों लोग अब तक शेयर भी कर चुके हैं।
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अपनी तस्वीर के साथ दी जा रही श्रद्धांजलि पर डॉ. रिचा कहती हैं, यह वायरल पोस्ट में इस्तेमाल तस्वीर उन्हीं की है। वे फिलहाल वे ठीक-ठाक हैं और कानपुर में अपने घर पर हैं। डॉ. रिचा जिन्हें मनीषा पाटिल बताकर श्रद्धांजलि दी जा रही है, एक होम्योपैथी डॉक्टर हैं और मौजूदा लॉकडाउन के दौरान सामान्य चिकित्सा सलाह लेने वालों की ऑनलाइन मदद कर रही हैं।'
मीडिया को डॉ. रिचा ने वायरल तस्वीर के बारे में उन्होंने बताया कि 25 अप्रैल को #BlueTwitter ट्रेंड के तहत उन्होंने दो फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट की थीं। वहीं से उनकी फोटो लेकर किसी ने गलत दावे के साथ शेयर किया है जो वायरल हो गई है। ऋचा का कहना है कि ये तस्वीरें उन्होंने कोरोना वायरस फैलने के दौरान नहीं खींची गई हैं, बल्कि पुरानी हैं।
डॉ. रिचा उत्तर प्रदेश में भाजपा की सदस्य हैं। उनका फेसबुक पेज देखने पर पता चलता है कि वे भाजपा की कट्टर समर्थक हैं। डॉ. रिचा हालांकि खुद फेक न्यूज का शिकार हुई हैं, मगर उन्होंने भी तमाम ऐसी फेक पोस्टें शेयर की हैं अपने पेज पर, जो भाजपा की मजबूती के लिए इस्तेमाल की गयी हैं। खासकर सोनिया और राहुल गांधी को लेकर उनकी तमाम ऐसी पोस्टें उनके फेसबुक पेज पर देखी जा सकती हैं। जमातियों को लेकर भी डॉ. रिचा को जहर उगलते उनके पेज पर देखा जा सकता है, जिसमें वो कोरोना वायरस के लिए सीधे—सीधे उन्हें जिम्मेदार ठहरा रही हैं।
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जमातियों पर की गयी अभद्र टिप्पणी के लिए चर्चा में आई रंगोली चंदेल और बबीता फोगाट को समर्थन देते हुए भी रिचा ने टिप्पणी की है, 'देश की बेटी आवाज उठा रही है! कुछ लोग इनकी आवाज दबाना चाहते है! चाहे वो रंगोली हो या @BabitaPhogat।हम लड़कियां इनकी ट्रोलिंग, धमकियों, ग़ालियों और FIR से हम डरने वाले नहीं हैं। छोरी धाकड़ है धाकड़ है।'
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सोशल मीडिया पर फेक और दंगाई खबरें प्रसारित करने पर जहां सख्ती से निपटने का दावा किया जाता है, वैसे में सवाल है कि इस तरह की फेक खबरें आखिर वायरल कैसे हो जाती हैं। क्या इन्हें मापने का कोई पैमाना नहीं होता, जबकि पीड़ित खुद सामने आकर सच्चाई बता रहा है।