यूपी पुलिस ने फेक न्यूज के लिए दर्ज किए 500 मुकदमे, लेकिन नफरत फैलाने वाले एक भी एंकरों-नेताओं का नाम नहीं शामिल
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उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक मार्च 16 और 21 अप्रैल के बीच सोशल मीडिया प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने, गलत सूचना पोस्ट करने और घृणा फैलाने के लिए राज्य भर के विभिन्न जिलों में 508 एफआईआर दर्ज की गई हैं...
जनज्वार ब्यूरो। उत्तर प्रदेश पुलिस ने आज अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से जानकारी दी है कि उसने 500 से ज्यादा लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की हैं। अंग्रेजी समाचार पत्र हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट की कतरन को पोस्ट करते हुए पुलिस ने बताया कि मार्च 16 और 21 अप्रैल के बीच सोशल मीडिया प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने, गलत सूचना पोस्ट करने और घृणा फैलाने के लिए राज्य भर के विभिन्न जिलों में 508 एफआईआर दर्ज की गई हैं। पुलिस ने कहा कि ऐसे सभी सोशल मीडिया अकाउंट ब्लॉक कर दिए गए।
रिपोर्ट में बताया गया है कि पुलिस अधिकारियों ने कहा कि परेशान करने वाले लोग सोशल मीडिया पर गलत जानकारी पोस्ट करने, कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए पोस्ट साझा करने का काम कर थे। वरिष्ठ राजनेताओं, पत्रकारों और मशहूर हस्तियों के खिलाफ आपत्तिजनक और अश्लील टिप्पणी पोस्ट करने की अफवाह फैला रहे थे।
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डीजीपी मुख्यालय के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक, भड़काऊ, अपमानजनक और भ्रामक पोस्ट के बारे में 400 से अधिक घटनाओं की सूचना दी गई। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी सोशल मीडिया अकॉउंट को ब्लॉक कर दिया गया और कानूनी कार्यवाही के लिए एफआईआर दर्ज की गई। इसके अलावा गलत जानकारी और अफवाह फैलाने वाली सामग्रियों को साझा करने के लिए लगभग 100 टिक-टोक अकाउंट्स को ब्लॉक किया गया है।
#UPPInNews pic.twitter.com/Xng7zOwLJu
— UP POLICE (@Uppolice) April 26, 2020
उन्होंने कहा कि अफवाहों और झूठी सूचनाओं को फैलाने वाली पोस्टों से संबंधित 136 एफआईआर दर्ज की गईं और 276 एफआईआर उन पोस्टों के संबंध में हुईं, जिनसे कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है और सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता है। उन्होंने कहा कि अधिक आपत्तिजनक और अश्लील पोस्ट वाले पोस्ट के संबंध में 96 से अधिक एफआईआर दर्ज की गईं।
अधिकारी ने कहा, एफआईआर राज्य सोशल मीडिया सेल के अधिकारियों द्वारा दर्ज की गई थी जो अफवाह फैलाने और सांप्रदायिक घृणा को रोकने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की निगरानी कर रहे हैं। "
उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस के ट्विटर हैंडल को लॉकडाउन उल्लंघन और आपात स्थितियों से संबंधित 3719 ट्वीट मिले। उन्होंने कहा कि 225 ट्वीट मेडिकल इमरजेंसी या दवाओं की आवश्यकता से संबंधित थे, जिसके बाद आवश्यक कार्रवाई शुरू की गई और लोगों को तत्काल मदद प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि इसी तरह से 390 ट्वीट खाद्य आवश्यकताओं से संबंधित थे, जिसके लिए संबंधित जिला अधिकारियों से संपर्क किया गया और जरूरतमंद व्यक्तियों को भोजन पहुंचाने के लिए कहा गया।
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उन्होंने कहा कि करीब 1372 ट्वीट लॉकडाउन उल्लंघन के बारे में एक शिकायत से संबंधित थे- लोग जगह-जगह इकट्ठा हो रहे थे, बाजार की जगहों पर भीड़ थी या इलाकों में लोग बेमतलब घूम रहे थे। उन्होंने कहा कि इन सभी शिकायतों को स्थानीय अधिकारियों को ट्रांसफर किया गया है ताकि लॉकडाउन को सुनिश्चित किया जा स के और आवश्यक कार्रवाई की जा सके।
समाचार चैनल न्यूज 18 उत्तर प्रदेश ने हाल ही में तबलीगी जमात को लेकर एक फर्जी खबर प्रकाशित की थी। यह खबर ‘दारुल उलूम देवबंद बना सबसे बड़ा कोरोना का हॉटस्पॉट, अबतक 47 में हुई संक्रमण की पुष्टि’ शीर्षक के साथ यह खबर प्रकाशित की गई थी। रिपोर्ट में दावा किया गया कि तब्लीगी जमात के डेढ़ सौ से दो सौ लोग 11 ग्रुप में शामिल होकर मरकज से देवबंद में जमात के लिए आए थे। इनमें एक ग्रुप मुंबई से, एक इंडोनेशिया से और 1 जमात दिल्ली से तो वहीं गुजरात से सात जमाती दिल्ली मरकज होते हुए देवबंद थाना क्षेत्र में आए थे। ये लोग देवबंद थाना क्षेत्र की अलग-अलग मस्जिदों में ठहरे थे।
रिपोर्ट में आगे कहा गया, ‘जो 47 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं उनमें 12 विदेशी हैं और 33 लोग अलग-अलग प्रदेश से हैं। वहीं इनके कांटेक्ट में आने वाले पिता पुत्र भी हैं, जो जमातीयों की सेवा में लगे थे। अब इनके क्लोज कांटेक्ट में कितने लोग आए इसकी जांच खुफिया विभाग और देवबंद पुलिस लगातार कर रही है। ड्रोन कैमरे से आसपास नजर रखी जा रही है।’ इसके खिलाफ दारुल उलूम देवबंद की ओर से शिकायत दर्ज कर कार्रवाई की मांग की गई है लेकिन अभी तक चैनल के खिलाफ पुलिस की ओर से कोई बड़ी कार्रवाई की खबर नहीं है।
पुलिस की इस बड़ी कार्रवाई के बाद अब ऐसे में सवाल उठने लग गए हैं कि क्या पुलिस उन पत्रकार और समाचार चैनलों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी जो सिलसिलेवार तरीके से फर्जी खबरें और अफवाहें फैलाने में शामिल रहे। हाल ही में कई फर्जी खबर फैलने की खबरें आईं, लेकिन उन पर अबतक कोई बड़ी कार्रवाई यूपी पुलिस की ओर से नहीं की गई है।
बता दें कि टीवी पत्रकार दीपक चौरसिया ने भी तबलीगी जमात को लेकर एक फर्जी दावा किया था। एक ट्वीट में उन्होंने लिखा था, 'प्रयागराज में जमात पर टिप्पणी करने पर युवक की हत्या कर दी गई। मोहम्मद सोना पर गोली मारकर हत्या का आरोप लगा है। टिप्पणी करने पर गोली मारना, इतनी हैवानियत आती कहा से है।' इसके बाद प्रयागराज पुलिस की ओर से इसका खंडन किया गया था और इस खबर को फर्जी बताया गया था।
थाना करैली में FIR 127/2020 पंजीकृत कर नामजद वअन्य कुल 8 लोगों को हिरासत में लिया गया है। मृतक औरअभियुक्त पक्ष पास-पड़ोस के रहने वाले हैं,इनमें से किसी का भी सम्बन्ध तबलीगी जमात से होने की बात प्रकाश में नहीं आयी है। विवेचना के आधार पर कठोर विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है। https://t.co/BNpJ9nUqcV
— PRAYAGRAJ POLICE (@prayagraj_pol) April 5, 2020
इसके जवाब में प्रयागराज पुलिस ने अपने ट्वीटर हैंडल से लिखा था, 'थाना करैली में FIR 127/2020 पंजीकृत कर नामजद वअन्य कुल 8 लोगों को हिरासत में लिया गया है। मृतक औरअभियुक्त पक्ष पास-पड़ोस के रहने वाले हैं,इनमें से किसी का भी सम्बन्ध तबलीगी जमात से होने की बात प्रकाश में नहीं आयी है। विवेचना के आधार पर कठोर विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है।' जबकि दीपक चौरसिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इसी तरह समाचार चैनल सुदर्शन न्यूज की ओर से अपने ट्वीटर हैंडल से अपनी एक खबर को पोस्ट करते हुए लिखा था, 'आ गए अपने आतंकी रूप में #तबलीगी_जमात के समर्थक.. प्रयागराज में लोटन निषाद को मार डाला।' हालांकि बाद में सुदर्शन न्यूज ने यह खबर डिलीट कर दी। पुलिस की ओर से इसके खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
थाना करैली में FIR 127/2020 पंजीकृत कर नामजद वअन्य कुल 8 लोगों को हिरासत में लिया गया है। मृतक औरअभियुक्त पक्ष पास-पड़ोस के रहने वाले हैं,इनमें से किसी का भी सम्बन्ध तबलीगी जमात से होने की बात प्रकाश में नहीं आयी है। विवेचना के आधार पर कठोर विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है। https://t.co/d5QA9gxcVq
— PRAYAGRAJ POLICE (@prayagraj_pol) April 5, 2020
एबीपी न्यूज के पत्रकार पंकज विकास भदौरिया की ओर से भी इसी तरह एक ट्वीट किया गया। उन्होंने एबीपी न्यूज के पंकज झा की रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट में लिखा था, 'इलाहाबाद में तबलीगी जमात पर टिप्पणी करने पर मोहम्मद सोना और उसके साथियों ने लोटन निषाद की हत्या कर दी। सुबह-सुबह न्यूज़ पेपर पढ़ने के दौरान ये झगड़ा हुआ था। अब तक तबलीगी जमात के निजामुद्दीन मर्कज के जलसे की वजह से 1095 COVID 19 के मामले सामने आ चुके हैं।
थाना करैली में FIR 127/2020 पंजीकृत कर नामजद वअन्य कुल 8 लोगों को हिरासत में लिया गया है। मृतक औरअभियुक्त पक्ष पास-पड़ोस के रहने वाले हैं,इनमें से किसी का भी सम्बन्ध तबलीगी जमात से होने की बात प्रकाश में नहीं आयी है। विवेचना के आधार पर कठोर विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है। https://t.co/6rF5oJelvX
— PRAYAGRAJ POLICE (@prayagraj_pol) April 5, 2020
इस पर भी प्रयागराज पुलिस ने जवाब देते हुए अपने ट्वीट में कहा था, 'थाना करैली में FIR 127/2020 पंजीकृत कर नामजद वअन्य कुल 8 लोगों को हिरासत में लिया गया है। मृतक औरअभियुक्त पक्ष पास-पड़ोस के रहने वाले हैं,इनमें से किसी का भी सम्बन्ध तबलीगी जमात से होने की बात प्रकाश में नहीं आयी है। विवेचना के आधार पर कठोर विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है।' विकास भदौरिया के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई की खबर नहीं है। पुलिस की ओर से पुष्टि होने बाद भी विकास भदौरिया ने यह ट्वीट डिलीट नहीं किया है।
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न्यूज एजेंसी 'एएनआई ने 7 अप्रैल को गौतम बुद्ध नगर के डीसीपी संकल्प शर्मा का हवाला देते हुए ट्वीट किया था कि नोएडा के हरौला के सेक्टर 5 में जो तबलीगी जमात के सदस्यों के संपर्क में आए थे, उन्हें क्वारेंटाइन कर दिया गया है।'
इस पर डीसीपी नोएडा ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से एएनआई को टैग करते हुए लिखा,' ऐसे लोग जो कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आए थे, उन्हें निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार क्वारेंटाइन किया गया। तब्लीगी जमात का जिक्र नहीं था। आप गलत हवाला देते हुए फर्जी खबरें फैला रहे हैं।' न्यूज एजेंसी के इस ट्विट को एएनआई की एडिटर स्मिता प्रकाश ने भी ट्विट करते हुए लिखा था कि नोएडा में सुरक्षित रहें। हालांकि इसके बाद एएनआई ने ट्वीट डिलीट कर दिया।