दिल्ली में मचे तांडव के बाद पुलिस ने किया 600 लोगों को गिरफ्तार, 46 मौतें और 100 से ज्यादा लापता
अब तक दिल्ली हिंसा के दोषियों को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस 600 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि 123 के खिलाफ एफआईआर कर दी गयी है दर्ज...
जनज्वार। दिल्ली में मचे हिंसा के तांडव से हर कोई थर्रा गया है। इस हिंसा में जहां अब तक लगभग 50 लोगों की मौत का आंकड़ा सामने आया है, वहीं अस्पतालों में गंभीर रूप से घायल सैकड़ों लोगों में से कई जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं। यही नहीं 100 से भी ज्यादा लोगों का कुछ पता नहीं चल रहा है। पुलिस का कहना है कि उनकी तलाश की जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मरने वालों की संख्या आंकड़ों से कहीं ज्यादा है। यह मौतें गिनी भी जायेंगी या नहीं कहा नहीं जा सकता।
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वहीं इन दंगों के लिए आरोपित 600 से भी ज्यादा लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। 84 के दंगों के बाद से दिल्ली सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। 3 दिन के तांडव ने इसके 4 इलाकों को श्मशान में तब्दील कर दिया।
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दंगों में अब तक 100 से अधिक जो लोग लापता हैं, वो जिंदा हैं या फिर मर चुके हैं इसकी जानकारी अभी पुलिस के पास नहीं है। पुलिस का कहना है कि वह अब तक दिल्ली हिंसा के दोषियों को पकड़ने के लिए 600 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि 123 के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गयी है।
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इतने बड़े पैमाने पर जान-मान की तबाही के बाद अभी भी सोशल मीडिया पर अफवाहों का दौर जारी है। हालांकि कई जगहों का मुआयना करने के बाद अभी भी हालात सुधरे हुए नजर नहीं आ रहे। लोगों के भीतर गुस्सा और नफरत भरी हुई है। धार्मिकता के नाम पर हमारे नेताओं ने जिस तरह जनता को बांट दिया है, उससे वह एक दूसरे के खून के प्यासे नजर आ रहे हैं।
मगर इन सबके बीच डीसीपी द्वारका ने सोशल मीडिया पर अपील जारी की है कि द्वारका में भीड़ द्वारा धार्मिक नारे लगाते हुए एक धार्मिक स्थल पर पथराव की अफवाह पूरी तरह से झूठी है। आम जनता को सलाह दी जाती है कि वह सोशल मीडिया की अफवाहों और फर्जी खबरों पर ध्यान न दें या न फैलाएं।'
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हिंसा प्रभावित इलाके नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के डीसीपी ने ट्वीट किया है कि अब तक दिल्ली दंगों के बाद 123 मामले दर्ज किए जा चुके हैं और पुलिस द्वारा 25 हथियार बरामद किये गये हैं।
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इस मामले की पड़ताल कर रही दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने मीडिया से कहा है कि हम इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं। इसके अलावा बड़े ड्रेनेज जो चांदबाग इलाके से गुजरता हुआ दंगे प्रभावित इलाके बाबरपुर, सीलमपुर, जाफराबाद, मौजपुर के पास से गुजरता है, उसकी सफाई भी करवाई जा रही है। इसमें कई लाशें और बरामद होने की आशंका है। स्थानीय लोगों की निशानदेही पर पुलिस ड्रेनेज सिस्टम साफ करवा रही है, क्योंकि जनता का कहना है कि हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने दर्जनों लोगों को नाले में फेंक दिया था।
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कल शुक्रवार 28 फरवरी को जुम्मे की नमाज के दौरान भी दिल्ली में माहौल खराब होने की आशंका जतायी जा रही थी, जिसके मद्देनजर पुलिस ने सतर्कता बरती। हिंसा के तार अब आप पार्षद ताहिर हुसैन से जोड़े जा रहे हैं, जबकि उनका कहना है कि वह हिंसा होने से पहले से पुलिस को माहौल खराब होने की जानकारी दे चुके थे और मदद की गुहार लगाने के बावजूद उन्हें किसी तरह की मदद नहीं मिली। किसी तरह वह अपनी जान बचाकर वहां से निकले, जबकि उनके घर से तमाम विस्फोटक सामग्री बरामद हुई।
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दिल्ली पुलिस का कहना है कि अब तक जांच में ताहिर की पीएसआई के साथ जुड़े होने के संकेत भी मिले हैं, जिसकी जांच की जा रही है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि ताहिर आखिर इतनी जल्द करोड़पति कैसे बना, इसकी भी जांच शुरु कर दी गयी है। मीडिया में जो रिपोर्टें छपी हैं उसके मुताबिक ताहिर ने हिंसा वाले दिन यानी 24 फरवरी को कई ऐसे फोन नंबरों पर बात की थी, जो पुलिस की नजर में काफी संवेदनशील हैं।