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दलित ग्राम प्रधान के हाथ का खाना खाने से किया इंकार, हिरासत में शख्स
रसोइये की अनुपस्थिति में दलित ग्राम प्रधान लीलावती देवी ने क्वारेंटाइन सेंटर में सभी पांच लोगों के लिए भोजन तैयार किया था तो सिराज अहमद ने कर दिया खाना खाने से साफ इंकार...
कुशीनगर, जनज्वार। एक 35 वर्षीय शख्स को पुलिस द्वारा हिरासत में ले लिया गया है, क्योंकि उसने क्ववारेंटाइन सेंटर में एक दलित के हाथों का पकाया भोजन खाने से इंकार कर दिया।
रपटों के मुताबिक, कुशीनगर जिले के खड्डा थानान्तर्गत भुजौली खुर्द गांव के मूल निवासी सिराज अहमद 29 मार्च को दिल्ली से लौटे थे और चार अन्य लोगों के साथ गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे थे।
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शुक्रवार 10 अप्रैल को रसोइया की अनुपस्थिति में गांव प्रधान लीलावती देवी ने क्वारेंटाइन सेंटर में सभी पांच लोगों के लिए भोजन तैयार किया, लेकिन सिराज ने इसे खाने से इंकार कर दिया।
पुलिस द्वारा जांच करने के बाद शख्स के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत सोमवार 13 अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज किया गया है।
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दलित ग्राम प्रधान के पति सुभाष गौतम के मुताबिक जब उन्होंने सिराज से खाना खाने को कहा तो उसने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए उन्हें अपमानित किया और मनाही के बावजूद सेंटर छोड़ कर घर चला गया।
इसके बाद पुलिस ने ग्राम प्रधान और उसके परिवार से कहा कि यदि वह इस मामले में केस दर्ज कराना चाहते हैं तो तहरीर दे सकते हैं। सोमवार 13 अप्रैल को प्रधान के पति सुभाष ने तहरीर सौंपी, जिस पर सिराज के खिलाफ एससी एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया।
ग्राम प्रधान ने शुक्रवार 10 अप्रैल को पुलिस में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई और इसके साथ ही उप-विभागीय मजिस्ट्रेट देश दीपक सिंह और खंड विभाग अधिकारी रमाकांत को भी सूचित किया।
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खड्डा पुलिस स्टेशन के एसएचओ आरके यादव ने कहा कि सिराज के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस बीच, शनिवार 11 अप्रैल की शाम को भाजपा के स्थानीय विधायक विजय दुबे ग्राम प्रधान के घर पहुंचे और उनसे उनके हाथ का पकाया हुआ भोजन परोसने को कहा।
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उन्होंने कहा, "अस्पृश्यता एक सामाजिक अपराध है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"