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जादू दिखाने के चक्कर में साथी को जमीन में गाड़ दिया, बोला-निकलेगा जिंदा पर बाहर आई लाश तो मची भगदड़
जादूगरी के चक्कर में साथी को जमीन में गाड़ा लेकिन बाहर निकली लाश तो परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल (pic- social media)
जनज्वार। अंधविश्वास के चक्कर में अक्सर लोग जान गंवा रहे हैं लेकिन फिर भी इससे बाहर नहीं निकल पा रहे। बिहार (Bihar) में जादू के नाम पर एक युवक की जान चली गई। मैजिक होने का इंतजार था लेकिन हादसा हो गया।
राज्य के शेखपुरा जिले के बरबीघा थाना अंतर्गत मधेपुर गांव में जादू दिखाने (magic show) के दौरान शनिवार को एक युवक की मौत हो गई। युवक को जादूगर (magician) ने जमीन के अंदर 12 घंटे पहले गाड़ दिया गया था और जिंदा निकलने का दावा किया गया था, परंतु उसकी लाश शनिवार की सुबह निकली।
युवक की पहचान बगल के बीरपुर गांव निवासी धीरज रविदास (Dhiraj Ravidas) के रूप में की गई। वह जादूगर टीम का ही हिस्सा था। मामले में मृतक के परिवार वालों ने एफआइआर (FIR) नहीं दर्ज कराई है। जबकि जादू करने वाली टीम घटना के बाद भाग गई। इधर युवक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार वाले अब कह रहे हैं कि अंधविश्वास में पड़ने का बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा।
मिली जानकारी के अनुसार, बीरपुर (Beerpur) गांव निवासी धीरज रविदास जादूगर टीम के साथ घूम-घूम कर जादू दिखाता था। इसी दौरान वह अपने पड़ोस के मधेपुर गांव में शुक्रवार की शाम (Friday evening) जादू दिखाने के लिए पहुंचा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टीम के सदस्यों के द्वारा जादू दिखाने के क्रम में युवक को जमीन के अंदर गाड़ कर 12 घंटा के बाद जिंदा निकालने का दावा किया।
शुक्रवार की शाम में युवक को गाड़ा गया। ये सब बड़ी संख्या में मौजूद ग्रामीणों (villagers) के सामने हुआ पर किसी ने आपत्ति नहीं जाहिर की। शनिवार की सुबह जब वापस गड्ढा खोदा गया तो युवक की मौत हो चुकी थी। यह देखते ही जादूगर की टीम गांव से भाग खड़ी हुई।
इस संबंध में थानाध्यक्ष (SHO) जयशंकर मिश्र ने मीडिया को बताया है कि युवक की मौत होने की सूचना मिलने पर पुलिस को घटनास्थल पर भेजा गया। युवक के स्वजनों ने लाश (dead body) अपने कब्जे में ले ली है और गांव चले गए। किसी तरह की प्राथमिकी उन लोगों के द्वारा नहीं दर्ज कराई गई।
रिपोर्ट्स के अनुसार, खेल तमाशा दिखाने के दौरान साथियों की मदद से मिट्टी के गड्ढे में धीरज को जिंदा दफन कर दिया गया था। मिट्टी के गड्ढे में धीरज रविदास को दफन करने के बाद तंत्र मंत्र करके उसे जिंदा निकालने का दावा किया गया था।
लेकिन शुक्रवार की रात किस्मत (fate) ने उसका साथ छोड़ दिया और दम घुटने की वजह से मिट्टी के गड्ढे में ही उसकी मौत हो गयी। जब रात 12 बजे उसे गड्ढे से बाहर निकाला गया, तब तक दम घुटने से मौत हो चुकी थी। धीरज रविदास को मृत अवस्था में गड्ढे से बाहर निकाला गया तो देखने वालों में भगदड़ मच गई।